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Lucknow News: ताकत- पॉलिटिकल सोच के तहत देश में बनाए जा रहे है राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति: अमिताभ ठाकुर

सूबे के जबरन रिटायर्ड किये गए सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि 'सूबे की राजधानी लखनऊ आ रहे देश के राष्ट्रपति से कहा कि कभी वे अकस्मात भी आकर देखें, तभी उन्हें शासन प्रशासन के कार्यो की सही हकीकत पता चलेगी।'

Sandeep Mishra
Published on: 28 Jun 2021 8:53 AM GMT (Updated on: 28 Jun 2021 9:01 AM GMT)
President-Vice President is being made in the country only under strength and political thinking: Amitabh Thakur
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रिटायर्ड सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर: फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow News: सूबे के जबरन रिटायर्ड किये गए सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि 'सूबे की राजधानी लखनऊ आ रहे देश के राष्ट्रपति से कहा कि कभी वे अकस्मात भी आकर देखें, तभी उन्हें शासन प्रशासन के कार्यो की सही हकीकत पता चलेगी।' देश के प्रथम नागरिक के स्वागत को लेकर पूरे लखनऊ की साफ सफाई कर प्रकाशमान किया जा रहा है। शहर के जिस रास्तों से वे गुजरेंगे, उन रास्तों को चमकाया जा रहा है। अपने इस आगमन से राष्ट्रपति जी शासन व प्रशासन के वास्तविक कार्य करने की शैली से रूबरू नही हो सकते। उन्होंने दोहराया कि अधिकारियों के द्वारा सुनाई जाने वाली बातों पर विश्वास न कर कभी अचानक आएं तभी वे समाज की सच्चाई से रूबरू हो सकेंगे।

संविधान में संशोधन की जरूरत- अमिताभ ठाकुर

रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि आज कई बिन्दुओं पर संविधान में संशोधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व जजों की नियुक्ति के अभी और बेहतर मापदंडों को अपनाने की जरूरत है।


रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर का मानना है कि आज ताकत व पोलटिकल सोच के तहत देश में राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति बनाने का काम किया जा रहा है। यही मापदंड सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में भी अपनाया जा रहा है। इनकी चयन समिति अपने मन माफिक हिसाब से जजों की नियुक्ति कर रही है।हम खुद नही समझ पाते कि फलां व्यक्ति एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर कैसे नियुक्त कर दिया गया?

महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोग, जिनकी योग्यता तो चपरासी लायक भी नही- अमिताभ ठाकुर

रिटायर्ड सीनियर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि देश के संवैधानिक पदों पर इस तरह से नियुक्तियों पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के लिये एक निश्चित मापदंड अब बनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि आज देश व सूबे में कई महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोग आसीन हैं जिनकी योग्यता तो चपरासी लायक भी नही है।

सूबे के पुलिस महकमें के विषय में रिटायर्ड सीनियर आईपीएस अधिकारी ने कहा कि सबसे बुरा हाल तो सूबे के पुलिस महकमे का है। उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात बड़े अधिकारी इस लोकतंत्र में भी अपने को एक राजा की भांति समझ रहे हैं और अपने मातहतों को अपना एक कारिंदा समझते हैं। आज पुलिस में टीम भावना से कार्य करने की शैली नही दिखती है। बड़े पुलिस अधिकारी अपने मातहतों की समस्याओं पर कतई ध्यान नही देते है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा परेशान फील्ड पर काम करने वाला पुलिस कॉन्स्टेबल सबसे ज्यादा परेशान है। बस इसी वजह से सूबे में उत्कृष्ट कानून व्यवस्था के लिये बनाये जाने नियमों का कोई पालन नही हो रहा है।

Shashi kant gautam

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