Lucknow News: साढ़े 4 साल में 'संस्कृत' को मिला सम्मान, प्रचार-प्रसार में यूपी सरकार ने गढ़े कीर्तिमान

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के साथ ही उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान को संस्कृत भाषा को जन-जन पहुंचाने का लक्ष्य दिया। साढ़े 4 साल में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में रिकार्ड भी कायम किया।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 18 Sep 2021 10:55 AM GMT
Sanskrit got respect in 4 and a half years, UP government created records in publicity
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 योगी सरकार में साढ़े 4 साल में 'संस्कृत' को मिला सम्मान: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow: राज्य सरकार (State government) ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में यूपी में संस्कृत के प्रचार-प्रसार के साथ संस्कृत (Sanskrit) को जन-जन तक पहुंचाने और बोलचाल की भाषा के रूप में विकसित करने के बड़े प्रयास किये हैं। विश्व की सबसे प्राचीन भाषा और समस्त भारतीय भाषाओं (Indian languages) की जननी कही जाने वाली 'संस्कृत' को योगी सरकार में सम्मान मिला है। इससे पहले पूर्व की सरकारों ने कभी भी संस्कृत को आगे बढ़ाने के प्रयास नहीं किये। संस्कृत के नाम पर अकादमी और संस्थान तो चले । लेकिन उनको आगे बढ़ाने के लिए कभी भी ठोस और प्रभावी योजनाएं नहीं बनी। जिसकी वजह से संस्कृत लोकप्रिय भाषा के रूप में स्थापित नहीं हो पाई।

19 अप्रैल, 2017 में प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Aditya Nath) ने सत्ता संभालने के साथ ही उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान को संस्कृत भाषा को जन-जन पहुंचाने का लक्ष्य दिया। जिसको धरातल पर उतारने का काम किया गया। संस्थान ने वर्ष 2018-19 में सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर योजना शुरू की। कानपुर, मथुरा, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ एवं लखनऊ में 531 प्राथमिक विद्यालय, 656 माध्यमिक, 181 सार्वजनिक संस्थाओं, 91 महाविद्यालयों, 175 संस्कृत महाविद्यालयों सहित कुल 1634 विद्यालयो में 40850 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।

मेरठ कालेज मेरठ: फोटो- सोशल मीडिया

मेरठ कालेज मेरठ में संस्कृत प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए गये

प्रदेश में सरल संस्कृत सम्भाषण योजना से जवाहर नवोदय विद्यालय मे संस्कृत प्रशिक्षण दिया गया। मेरठ कालेज मेरठ में संस्कृत प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए गये। वाराणसी संवादशाला में आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण और इसमें उत्तीर्ण 68 प्रशिक्षकों द्वारा पहली बार अपने-अपने ब्लॉक में चुन्नू मुन्नू संस्कारशाला का आयोजन किया गया । वर्ष 2020-21 में कोविड 19 महामारी के दौरान आनलाईन माध्यम से 1800 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया और 3600 शिक्षकों को संस्कृत प्रशिक्षण दिया। वर्ष 2021-22 में वर्तमान में आनलाईन माध्यम से लगभग 8533 प्रशिक्षणार्थियों को संस्कृत सम्भाषण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर और मिस्डकॉल योजना से युवाओं में बढ़ा संस्कृत का क्रेज

संस्थान की मिस्डकॉल योजना के माध्यम से संस्कृत सम्भाषण योजना में रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। संस्थान ने योग, पौरोहित्य, ज्योतिष प्रशिक्षण शिविर योजना, प्रत्येक जनपद में वास्तु एवं ज्योतिष प्रशिक्षण शिविर, पुरस्कार योजना, व्याख्यान गोष्ठी योजना और एकमासात्मक नाट्य प्रशिक्षण योजना से संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया।

सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शन योजना, कम्प्यूटर के माध्यम से संस्कृत की कक्षाएं संचालित किये जाने की योजना के साथ उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय का सुदृढीकरण और छात्रवृत्ति योजना और पुस्तक के प्रकाशन का भी लाभ प्रदेश में संस्कृत भाषा सीखने वाले युवाओं को दिया जा रहा है।

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