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PWD में होते-होते रह गया घोटाला: बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए निकाला 46 लाख का टेंडर, बिन सर्वे हुआ काम

Lucknow News: PWD ने बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए 46.50 लाख का टेंडर पास कर दिया, जिसे बाद में अपरिहार्य कारण बताते हुए निरस्त कर दिया गया।

Shashwat Mishra
Published on: 13 Jun 2022 10:58 AM GMT
PWD में होते-होते रह गया घोटाला: बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए निकाला 46 लाख का टेंडर, बिन सर्वे हुआ काम
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बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए निकाला 46 लाख का टेंडर (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) का बजट किसी से छुपा नहीं है। सूबे में सड़कों का जाल बिछाने की ज़िम्मेदारी इसी विभाग की है। लेकिन, पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार (Corruption in PWD) चरम पर है। यह बातें भी किसी से छुपी नहीं है। ताज़ा मामला राजधानी लखनऊ (Lucknow) के राजाजीपुरम इलाके (Rajajipuram) का है, जहां कि बनी हुई सड़क को फ़िर से सही कराने के लिए विभाग ने 46.50 लाख का टेंडर (PWD Tender) निकाल दिया था। जिसे उन्हें वापस लेना पड़ा।

यह कारनामा विभाग के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा (Executive Engineer Manish Verma) द्वारा किया गया था। जिसे बाद में उन्होंने ख़ुद अपरिहार्य कारण बताते हुए निरस्त कर दिया।


ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने बनवाई थी सड़क

बता दें कि इस सड़क की मरम्मत हेतु रक्षा मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) व बीजेपी के महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा (Mukesh Sharma) ने एक पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था। जिसके बाद, नगर निगम ज़ोन-2 द्वारा, इस सड़क को लोक निर्माण विभाग को 7 जनवरी, 2022 को हस्तांतरित करने का फैसला लिया गया।


मग़र, पीडब्ल्यूडी की लेट लतीफी के चलते इसको ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने नगर निगम से एनओसी प्राप्त कर बनवा दिया। विभाग की जेई सुमन पाल ने 'न्यूज़ट्रैक' संग बातचीत में बताया कि हमें रक्षा मंत्री का पत्र प्राप्त हुआ था। नगर निगम से एनओसी ली। टेंडर निकाला। ये नहीं कि हमने अपने मन से बनवाया। उसके बाद, काम कराया गया।


अपरिहार्य कारणों से टेंडर निरस्त किया

बनी हुई सड़क का टेंडर लोक निर्माण विभाग की ओर से 25 अप्रैल को निकाला गया। जो कि 46.50 लाख रुपये की निविदा थी। जिसे पीडब्ल्यूडी द्वारा ही 4 मई, 2022 को निरस्त कर दिया गया। इस संबंध में विभाग के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा के मुताबिक, नगर निगम ने पहले हमें ट्रांसफर की थी। हमने अपनी टेंडर प्रक्रिया निकाली। इस बीच आरईएस ने सड़क बना डाली। जैसे हमें पता चला कि सड़क बन गई है, वैसे हमने टेंडर निरस्त कर दिया। टेंडर निकालने से पहले सड़क का सर्वे कराया गया था।

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Shreya

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