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Lucknow News आरएलडी ने मनमोहन सरकार के सहारे मोदी को घेरा, कही ऐसी बात

आरएलडी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, इन्होंने कहा की मोदी सरकार में जरुरतों के सामान की कीमत काफी बढ़ गई है।

Deepak Raj
Published on: 14 July 2021 3:12 PM GMT
आरएलडी नेता
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आरएलडी नेता

Lucknow News: आज देशभर में महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ लोगों गुस्सा हर जगह सड़क पर देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां सरकार कहती है की सबका साथ और सबका विकास लेकिन इस नारे के अनुरूप कोई कार्य नहीं हो रहे हैं। सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों को बढ़ा रही है जिससे आमजनमानस पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। कोरोनाकाल के दौरान करोड़ो लोगों की नौकरी चली गई है लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है वो केवल अपने उद्योगपति दोस्तों को मदद पहुंचाने में मशगुल हैं।

सरकार ने लगातार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की है

आपको बता दें की 14 जुलाई, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने देश में पेट्रोल-डीज़ल, एलपीजी, खाद्य तेलों और दालों की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि को देखते हुए, आसमान छूती ईंधन की कीमतों एवं जीएसटी दरों में कमी और महंगाई के भारी बोझ को कम करने के लिए आयात शुल्क कम करने कि मांग की है। दुबे ने आज जारी बयान मे कहा कड़े विरोध के बावजूद, सरकार ने लगातार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की है।


प्रतिकात्मक तस्वीर


उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ ज़िलों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक हो गई है, जबकि एलपीजी की कीमत 900 रुपये प्रति सिलेंडर से भी उपर है। पिछले एक वर्ष में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में 25-30 रुपये एवं एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 250 रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि हो चुकी है। वर्ष 2014 के पूर्व जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल थी तब मनमोहन सिंह की सरकार ने पेट्रोल 65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 44 रुपये प्रति लीटर पर स्थायी रखा था। लेकिन आज जब ये 75 डॉलर प्रति बैरल हैं तो जनता का तेल निकाला जा रहा है।


देश में बेरोजगारी की ऊंची दर और वेतन कटौती पर चिंता जताई

उन्होंने देश में बेरोजगारी की ऊंची दर और वेतन कटौती पर चिंता जताते हुए कहा कि कहा कि जनता पहले से ही पिछले एक वर्ष में सरसो, वनस्पति एवं रिफाइंड इत्यादि खाद्य तेलों की कीमतों में हुई 35 से 50 रुपये प्रति लीटर और दालों की कीमतों में 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि से त्राही-त्राही कर रही है। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर एन एस ओ द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से महंगाई दर 6.26 प्रतिशत है वहीं दूसरी ओर सरकार इसे 'झूठी चिंता' बता रही है। आज जारी बयान में दुबे ने इस व्यापक संकट की स्थिति में कमर तोड़ महंगाई पर सरकार के लचर रवैये पर सवाल खड़े करते हुए तत्काल कीमतों पर नियंत्रण करने कि मांग की है।

Deepak Raj

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