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World TB Day: SGPGI के डॉक्टरों ने लिया टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद, 2025 तक टीबी मुक्त करने पर दिया जोर

Lucknow News: विश्व टीबी दिवस के मौके पर राजधानी के संजय गांधी पीजीआई में 'सीएमई टीबी अडॉप्टेशन और बच्चों के लिए पोषण कार्यक्रम' का आयोजन किया गया।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Deepak Kumar
Published on: 22 March 2022 11:06 PM IST
Lucknow News SGPGI doctors adopted children suffering from TB on world TB day
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SGPGI के डॉक्टरों ने लिया टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद। 

Lucknow News: मंगलवार को विश्व टीबी दिवस (World TB Day) के मौके पर राजधानी के संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में 'सीएमई टीबी अडॉप्टेशन और बच्चों के लिए पोषण कार्यक्रम' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना और टीबी से प्रभावित बच्चों को उनके आगे के उपचार की दिशा में उनके समुचित पोषण के लिए उन्हें गोद लेना था।

2025 तक टीबी मुक्त

कार्यक्रम में पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के पल्मोनरी मेडिसिन के पूर्व डीन और पूर्व विभागाध्यक्ष पदमश्री डॉ. दिगंबर बेहरा (Former Head of Department Padmashree Dr. Digambar Behera) मुख्य अतिथि थे। उन्होंने बहु-दवा प्रतिरोधी क्षय रोग पर अपने विचार रखे। संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन (Director Prof R K Dhiman) ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के महत्व पर जोर दिया और टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लेने की पहल की सराहना की। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव अग्रवाल (Chief Medical Superintendent Dr. Gaurav Agrawal) ने भी कोविड के संदर्भ में टीबी के महत्व पर चर्चा की।


राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम पर हुई चर्चा

बीसी रॉय अवार्ड से सम्मानित प्रख्यात पल्मोनोलाजिस्ट डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Pulmonologist Dr. Rajendra Prasad) ने दवा प्रतिरोधी टीबी के कुछ दिलचस्प मामलों पर चर्चा की। केजीएमयू में रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्य कांत ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। राज्य टीबी अधिकारी, डॉ. संतोष गुप्ता ने सरकार के योगदान और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा प्रदान किए गए समर्थन के महत्व पर चर्चा की।


टीबी से पीड़ित बच्चों को लिया गोद

बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आए एसजीपीजीआई परिवार के सदस्यों में प्रो. अमिता अग्रवाल, प्रो. शुभा फड़के, प्रो. पुनीता लाल, प्रो. प्रीति दबडगांव, प्रो. विनीता अग्रवाल, संजय जैन, भावना आर्य, दीपा खेतान, डॉ. मोइनक सेन शर्मा शामिल थे। वे इन बच्चों के इलाज की निगरानी करने के साथ-साथ उन्हें पोषण संबंधी सहायता भी मुहैया कराएंगे।

कार्यक्रम का संचालन निदेशक आरके धीमान के मार्गदर्शन में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. ऋचा मिश्रा, पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक नाथ और फिजियशन डॉ. प्रेरणा कपूर द्वारा किया गया।

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