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Lucknow: डिफेंस व एयरोस्पेस क्षेत्र में एमएसएमई की मदद के लिए सिडबी ने यूपीडा से मिलाया हाथ

Lucknow: सिडबी ने यूपीडा के साथ एरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र में वित्तीय पहुंच को व्यापक बनाने और एमएसएमई उद्यमों को सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन का निष्पादन किया है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 7 Jun 2022 4:51 PM GMT
Lucknow News in Hindi
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सिडबी ने यूपीडा के बीच हुआ समझौता। 

Lucknow: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में रत देश की प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) के साथ एरोस्पेस एवं रक्षा (AMD) क्षेत्र में वित्तीय पहुंच को व्यापक बनाने और एमएसएमई उद्यमों को सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) का निष्पादन किया है। सिडबी के उप प्रबंध निदेशक वी. सत्या वेंकट राव (SIDBI Deputy Managing Director V. Satya Venkata Rao) और यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी (Chief Executive Officer of UPEDA Avnish Kumar Awasthi), आईएएस द्वारा निष्पादित समझौता ज्ञापन का श्री प्रकाश कुमार, मुख्य महाप्रबन्धक, सिडबी द्वारा औपचारिक रूप से आदान-प्रदान किया गया।

उत्तर प्रदेश राज्य में औद्योगिक इकाइयों को संस्थापित करने में मिलेगी सहायता

  • इस समझौता ज्ञापन में सिडबी यूपीडा द्वारा विकसित उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में इकाइयों की स्थापना /इकाइयां संस्थापित करने वाले एमएसएमई उद्यमों की वित्तीय आवश्यकताओं के वित्तपोषण पर विचार करेगा। इस समझौता ज्ञापन से एमएसएमई को उत्तर प्रदेश राज्य में औद्योगिक इकाइयों को संस्थापित करने में सहायता प्राप्त होगी। इस व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं हैं,
  • जब यूपीडा द्वारा औद्योगिक भूमि के लिए कोई भी आवंटन पत्र जारी किया जाता है तो, यह सिडबी को आवंटिती घटकों से संबंधित विवरण प्रदान करेगा।
  • सिडबी आवंटिती घटकों से उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए संपर्क करेगा। विधिवत रूप से भरे हुए आवेदन की प्राप्ति के उपरांत, सिडबी निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार इसे संसाधित करेगा,
  • वर्तमान व्यवस्था का उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक मजबूत नींव का विकास करना है, जो आवंटिती घटकों से निवेश आकर्षित करेगा, जिससे संबंधित परियोजनाओं के कार्यान्वयन की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  • यूपीडा और सिडबी यूपीडीआईसी और यूपीडा द्वारा विकसित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में एमएसएमई के लाभ के लिए संपन्न किए जा रहे कतिपय अन्य प्रयासों के लिए परस्पर सहयोग का और भी अधिक विस्तार करेंगे, जिसमें आउटरीच आयोजनों, सेमिनारों और वेबिनार में शामिल होना /भाग लेना जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे।
  • साथ ही, इससे सिडबी द्वारा परिचालित विभिन्न वित्तीय उत्पादों और संपन्न किए जा रहे प्रयासों के संबंध में एमएसएमई के बीच जागरूकता का संचार होगा, जिसमें एक समर्पित वेब-पोर्टल (defence.sidbi.in), ए एंड डी क्षेत्र में एमएसएमई उद्यमों के लिए ज्ञान श्रृंखला आदि शामिल किए गए हैं।

भारत को "आत्मनिर्भर" बनाने के लिए कृतसंकल्प

यूपीडा के साथ संपन्न इस व्यवस्था के संबंध में वी. सत्या वेंकट राव, उप प्रबंध निदेशक सिडबी ने कहा कि "सिडबी एमएसएमई पारितंत्र को सुदृढ़ बनाने और भारत सरकार की "मेक इन इंडिया" की विचारधारा को साकार करने तथा भारत को "आत्मनिर्भर" बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इस व्यवस्था के माध्यम से एमएसएमई को अपनी ऋण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही, क्रेडिट-प्लस पर केंद्रित अपेक्षाओं जैसे समर्पित वेब-पोर्टल, संबंधित साहित्य, विभिन्न आयोजनों /वेबिनार आदि से ज्ञानपरक आयामों को पूरा करते हुए, उत्तर प्रदेश राज्य में औद्योगिक इकाइयों की संस्थापना में सहायता हो सकेगी।

Deepak Kumar

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