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Lucknow: STF ने टिपरी शराब फैक्ट्री का वाईस प्रेजिडेंट किया अरेस्ट, एक्साइज ड्यूटी व टैक्स चोरी का आरोप
Lucknow: सहारनपुर की टिपरी स्थित "को-ऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड" में कई समय करोड़ों की एक्साइज ड्यूटी व टैक्स चोरी मामले में एसटीएफ की टीम ने कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट टीएस सोमशेखर को गिरफ्तार किया है।
Lucknow: सहारनपुर जिले की टिपरी स्थित "को-ऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड" में कई समय करोड़ों की एक्साइज ड्यूटी व टैक्स चोरी मामले में जांच कर रही एसटीएफ की टीम (STF Team) ने 18वें अभियुक्त व 25 हजार के इनामी कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट (ऑपरेशन) टीएस सोमशेखर (TS Somashekar) को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विपुल खंड 3 से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ टीम के मुताबिक अब तक शराबकांड में टैक्स व एक्साइज की चोरी के बड़े नेक्सेस में अब तक 17 लोगों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया जा चुका था और अब ये 18वीं गिरफ़्तारी है।
कंपनी में क्या काम था टीएस सोमशेखर का
एसटीएफ के अफसरों को मुताबिक मूल रूप से आंध्रा प्रदेश के चित्तुर जिले स्थित कमिश्नर बांग्ला रोड केआर निवासी टीएस सोमशेखर टिपरी फैक्ट्री में एक ही बिलटी में दो बार शराब निकालने का कार्य होता था, जिसमे कई लोगों की मिलीभगत होती थी। ऐसे में प्रणय अनेजा (फैक्ट्री मालिक) एक बार में वैध शराब व दूसरी बारी में वैध शराब निकालने की अनुमति देता था, जिसमे एक्साइज विभाग (excise department) के लोग भी शामिल हुआ करते थे और सभी की अनुमति से शराब फैक्ट्री में इस तरीके से घपला होता था जिसको लेकर सभी की बराबर में हामी होती थी।
एसआईटी कर रही है मामले की जांच
इस पूरे प्रकरण की जांच बीते समय में सीएम के आदेश पर एसआईटी(स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) को दी गयी थी ताकि जांच निष्पक्ष हो और कोई भी दोषी बक्शा न जाए इसी को लेकर मामले में जो भी आरोपी सामने आता है उसको पकड़ने के लिए एसटीएफ की टीम काम करना शुरू करती है।
बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि को लेकर सीएम ने जताई थी नाराज़गी
इस बड़े स्कैम का खुलासा होने के बाद एसटीएफ को इस पूरे मामले की जांच दी गयी और फिर पता चला की फैक्ट्री टैक्स व एक्साइज ड्यूटी की चोरी को लेकर करोडो की चोरी सामने आयी इसमें न सिर्फ फैक्ट्री मालिक से लेकर फैक्ट्री के अन्य अधिकारी बल्कि आबकारी विभाग के अफसर भी शामिल है ऐसे में एसटीएफ ने सभी लोगों को चिन्हित कर के एक-एक कर गिरफ़्तारी करनका शुरू की बाद में सीएम के अनुमोदन के बाद इसे एसआईटी ट्रांसफर कर दिया गया।