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Lucknow: माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ का हल्लाबोल, मांगे नहीं पूरी हुई तो चुनाव में अंजाम भुकतेंगी सरकार

Lucknow News Today: आज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा उत्तर संघ के कार्यालय पर माध्यमिक शिक्षक संघ के कर्मचारी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दे रहे हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By Shreya
Published on: 9 Dec 2021 9:00 AM GMT
Lucknow: माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ का हल्लाबोल, मांगे नहीं पूरी हुई तो चुनाव में अंजाम भुकतेंगी सरकार
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माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ का धरना प्रदर्शन (फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

Lucknow News Today: चुनावी समय में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में धरना प्रदर्शन (Dharna Pradarshan) की बाढ़ सी आ गई है। सरकारी कर्मचारी से लेकर अभ्यर्थी तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। आज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा उत्तर संघ (Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Sangh) के कार्यालय पर माध्यमिक शिक्षक संघ (Madhyamik Shikshak Sangh) के कर्मचारी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दे रहे हैं। लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा (Ajay Kumar Sharma) के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना में जिले भर के कर्मचारी पहुंचे।

धरने के माध्यम से शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपनी प्रमुख 9 मांगों और समस्याओं को उठाया इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने अपने संबोधन में योगी सरकार (Yogi Government) को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश के कर्मचारी आकर आंदोलन करेंगे और इसका खामियाजा सरकार को आने वाले दिनों में चुनाव में भुगतना होगा।

कर्मचारियों की 9 प्रमुख मांगे?

शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की शिक्षक पद पर पदोन्नति का प्रावधान किया जाए।

राजकीय कर्मचारियों के समान 300 दिन के उपार्जित अवकाश का नकदीकरण सेवानिवृत्त किया जाए।

चिकित्सीय सुविधा का प्रावधान किया जाए।

प्रबंध समिति में प्रतिनिधित्व दिया जाए।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लिपिक पद पर पदोन्नति हेतु एक सोसाइटी का सीसीसी डिप्लोमा की अनिवार्यता समाप्त की जाए।

हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों के लिपिकों को इंटरमीडिएट विद्यालयों में सहायक लिपिक कनिष्ठ सहायक के समान एसीपी सुनिश्चित का लाभ दिया जाए।

01.04.2005 के पश्चात नियुक्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से सहायक लिपिक पद पर तथा सहायक लिपिक पद से प्रधान लिपिक पद पर पदोन्नति पर पूर्व की भांति (22बी का लाभ) एक वेतन वृद्धि दिए जाने का आदेश निर्गत किया जाए।

प्रदेश में लंबे समय से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए।

किसान आंदोलन की तरह होगा यह आंदोलन

माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कामता प्रसाद सिंह ने बताया कि अगर योगी सरकार उनकी लंबित मांगों को जल्द पूरा नहीं करती तो वह भी आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से किसानों ने 1 साल तक आंदोलन (Kisan Andolan) किया और सरकार को उनकी मांगें माननी पड़ी वैसे ही अब माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करेगा। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया जाए और उनके नेताओं से बातचीत कर इस मसले का हल निकाला जाए।

धरना प्रदर्शन करते कर्मचारी (फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

वहीं धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा (Ajay Kumar Sharma) ने कहा कि संगठन की प्रमुख मांगे लंबे समय से लंबित है। इन पर कई बार विभागीय अधिकारियों व शासन स्तर के अधिकारियों से वार्ता बैठकें हो चुकी हैं। वर्तमान में विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में संगठन की आधिकारिक वार्ता बैठक 4 अक्टूबर 2021 को हुई थी। जिसमें मांग संबंधित शासन को पत्रावली भी दी गई थी। जिसमें कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे लेकिन उन मांगों पर अभी कोई पहल नहीं हुई।

संघ के दूसरे कर्मचारियों ने कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारी विरोधी कार्य कर रही है। यदि मांगे नहीं मानी गई तो इसका परिणाम आगामी चुनाव में वर्तमान सरकार के हित में नहीं होगा। धरने को संबोधित करते हुए संगठन के मुख्य समन्वयक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आशा दिन तिवारी ने कहा कि एकता की शक्ति समान होती है इसलिए प्रदेश के सभी शिक्षामित्र कर्मचारी एकत्र होकर अपनी मांग पूरी ना होने की स्थिति में बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहें।

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Shreya

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