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Hindi Journalism Day 2022: 'कितनी विश्वसनीय है हिंदी पत्रकारिता'

Lucknow News Today: हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर सोमवार को राजधानी के प्रेस क्लब में लखनऊ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की ओर से ‘कितनी विश्वसनीय है हिंदी पत्रकारिता’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 30 May 2022 9:29 PM IST
Hindi Journalism Day 2022
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हिंदी पत्रकारिता कितनी विश्वसनीय है विषय पर लखनऊ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने सेमिनार का आयोजन।

Lucknow News Today: हिन्दी पत्रकारिता दिवस (Hindi Journalism Day 2022) के अवसर पर सोमवार को राजधानी के प्रेस क्लब में लखनऊ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (Lucknow Working Journalists Union) की ओर से 'कितनी विश्वसनीय है हिंदी पत्रकारिता' विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) के साथ वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव (Senior Journalist K Vikram Rao) ने अपने विचार रखे। इस संगोष्ठी में पत्रकारिता के गिरते मापदंड और हिंदी की विश्वसनीयता पर वरिष्ठ पत्रकारों ने रखे अपने विचार रखे और इसमें सुधार की बात कही।

हिंदी पत्रकारों की विश्वसनीयता आज भी कायम: उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

पत्रकारिता दिवस (Hindi Journalism Day 2022) पर अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि हिंदी पत्रकारों की विश्वसनीयता आज भी कायम है। यदि ऐसा नहीं होता तो घरों में हिंदी अखबार लोगों की प्राथमिकता नहीं होती। ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैं भी सुबह उठकर सबसे पहले हिंदी के अखबार ही पढ़ता हूं। पत्रकारों को विपरीत परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि हिन्दी पत्रकारिता का बहुमूल्य का पुराना इतिहास है। हिन्दी हमारी मातृ भाषा है। हम आज विभिन्न भाषाओं को जानते हैं। जो हम लोग समाचार पढ़ते है, हिन्दी में ही पढ़ते हैं। अगर पूरे देश में हिन्दी पत्रकारिता को देखेंगे तो उनका उदय और अंत उत्तर प्रदेश से ही है। चाहे वो बड़े न्यूज चैनल हो या फिर अखबार हों। सबसे ज्यादा खबरें उत्तर प्रदेश से ही होती हैं। यूपी में एक साथ काम करने का मौका मिला है। अपनी मातृभाषा में खबरें लिखाना ये सब आप करते हैं। खबरों को करते हुए आप सभी को विपरीत परिस्थितियों में भी जाना पड़ता है। 25 करोड़ की जनता को आपके माध्यम से खबरें पढ़ने को मौका मिलता है।

जहां तक विश्वसनीयता का प्रश्न है। आज कहीं न कहीं कमी आई: दयाशंकर सिंह

इस दौरान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) ने अपने संबोधन में कहा कि जहां तक विश्वसनीयता का प्रश्न है। आज कहीं न कहीं कमी आई है। हम निराश नहीं हो सकते हैं। हमारे समाज में अच्छे लोग भी हैं, बुरे लोग भी हैं। 1936 में हिन्दी पत्रकारिता का शुभारंभ हुआ था। उस वक्त देश गुलाम था, अंग्रेजों के शासनकाल में कभी सूर्यास्त नहीं होता था और उनके खिलाफ लिखना बहुत बड़ी बात होती थी। उनकी पूरी व्यवस्था अत्याचार करने आई थी। आज कलम में बहुत ताकत है, वह किसी को भी गिरा और उठा सकती है। आज भी लोग लोहिया को याद करते हैं। ये अवसर 6 साल पहले आया था। जेल से छूटने के बाद मीडिया की कलाम के बाद ही मुझे न्याय मिला। आज मैं मंत्री हूं, मैं सबसे ज्यादा मीडियाकर्मी को महत्व देता हूं। अगर हिन्दी का सम्मान नहीं होगा तो देश का सम्मान नहीं होगा।

हिन्दी अखबारों का दुर्भाग्य है कि उसमें तकनीकी देर से आई: अध्यक्ष के विक्रम राव

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के विक्रम राव (IFWJ President K Vikram Rao) ने कहा कि हिन्दी अखबारों का दुर्भाग्य है कि उसमें तकनीकी देर से आई। जब टैलीप्रिटिंर शुरू हुआ था तब हिन्दी अखबारों में नगरीय के बजाय रोमन लिपि में भेजी जाती थी। हिन्दी अखबार में मूल लेखन की कमी रही उसमें अनुवाद का चलन था। उस वक्त हिन्दी अखबारों में विदेशी खबरों का आभाव रहता है जो पाठकों के साथ अन्याय है।

ये रहे मौजूद

इस गोष्ठी में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दिकी, वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी, प्रदीप उपाध्याय, सुरेश द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अध्यक्ष शिवशरण सिंह, प्रेम कांत तिवारी, मनोज मिश्रा,ज्ञानेंद्र शुक्ला, अखण्ड साही, इफ्तिदा भट्टी, देवराज सिंह, अविनाश शुक्ला, शैलेन्द्र सिंह, आलोक त्रिपाठी, शिव विजय सिंह, मुकुल मिश्रा, अर्चना गुप्ता, अमिताभ नीलम, नितिन श्रीवास्तव, अनिल सैनी, कमाल अहमद खान, अमरेंद्र सिंह, विजय त्रिपाठी, राघवेंद्र सिंह, नितिन सिंह, सत्यजीत सिंह, अखण्ड प्रताप सिंह, अजीत कुमार सिंह, राहुल सिंह, उमेश कुमार मिश्रा, शिव नरेश सिंह, अभिषेक शर्मा, शशिनाथ दुबे, अमरेंद्र प्रताप सिंह, अशोक नवरत्न समेत कई पत्रकार मौजूद रहें।



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Deepak Kumar

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