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UP Tractor Trolley: इटौंजा की घटना से नहीं ली सीख, ट्रैक्टर-ट्रॉली पर ओवरलोडिंग जारी होने से फिर बड़ा हादसा
Lucknow News: लखनऊ के इटौंजा में दर्दनाक हादसा होने के बाद भी सड़कों पर ट्रैक्टर मालिक धड्ड्ले से नियम तोड़ते नजर आये।
UP Tractor Trolley Overloading: इन तस्वीरों को देखिये.... अंदाजा लगाइये कि महज़ एक दिन पहले ट्रैक्टर-ट्राली दुर्घटना (tractor-trolley accident) में 10 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। लेकिन बावजूद इसके शहरवासियों ने इतनी बड़ी घटना से कोई सीख नहीं ली। मंगलवार को भी ट्रैक्टर राजधानी की सडकों पर बेधड़क चलते दिखे। ट्रैक्टर की ट्राली में बड़ी संख्या में लोग बैठे दिखे। कई लोग तो ट्राली में जगह न होने के चलते, उसके एंगल पर भी बैठे नज़र आए। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी, न ही लखनऊ पुलिस प्रशासन और न ही लखनऊ ट्रैफिक पुलिस किसी प्रकार की कोई सख्ती करते दिखी।
कानपुर ट्रैक्टर-ट्राली हादसे में 20 से ज्यादा लोगों की मौत
कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव निवासी शृद्धालू ट्रैक्टर-ट्राली से फतेहपुर में चंद्रिका देवी देवी मंदिर गए थे। ट्राली में करीब दो दर्जन लोग सवार थे। वापस लौटते समय साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच सड़क किनारे तालाब में ट्राली पलट गई। जिसमें ट्रैक्टर में सवार सभी पाली के नीचे दब गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में घायलों को निकालकर भीतरगांव सीएचसी पहुंचाया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार लगभग अस्पताल पहुंचाए गए सभी घायलों में आठ से 10 मौत होने की जानकारी मिल रही है
इटौंजा थाना क्षेत्र में दर्दनाक हादसे में 10 लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि सोमवार को लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, ट्रैक्टर-ट्रॉली के तालाब में पलटने से करीब 45 लोग डूब भी गए थे। घटना के एक दिन बाद ही, राजधानी की सड़कों पर ट्रैक्टर मालिक धड्ड्ले से नियम तोड़ते नजर आये। ट्रैक्टर-ट्रॉली दुर्घटनाओं की मुख्य वजह ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बैठाकर धड़ल्ले से घूम रहे इन ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना, खुद लखनऊ यातायात विभाग पर सवालिया निशान है।
कॉमर्शियल कामों के लिए करते हैं प्रयोग
अधिकांश ट्रैक्टर-ट्रॉली की खरीदारी कृषि कार्यों के लिए की जाती है। लेकिन, आजकल ट्रैक्टर का प्रयोग कृषि कार्यों से ज्यादा कॉमर्शियल कामों के लिए किया जा रहा है। इसके पीछे कारण है, ट्रैक्टर मालिकों का कॉमर्शियल कामों में कृषि कार्यों से ज्यादा फायदा। जिससे वो बदस्तूर ट्रैक्टर से कॉमर्शियल काम ले रहे हैं। मग़र, कोई भी इन पर अंकुश लगाने वाला नहीं है।
करते हैं टैक्स की चोरी
आपने अधिकांश ट्रैक्टर पर लिखा देखा होगा कि केवल 'कृषि कार्य हेतु'। सिर्फ इतना लिखने मात्र से ट्रैक्टर मालिक आसानी से टैक्स में चोरी कर लेते हैं। क्योंकि, कॉमर्शियल कामों के लिए सरकार को टैक्स देना होता है, जबकि कृषि कार्य हेतु टैक्स फ्री होता है। इस नियम का लगभग सभी ट्रैक्टर मालिक भरपूर फायदा उठाते हैं।