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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम पर चर्चा: मानव अस्तित्व पर हुआ गहन संवाद

लखनऊ विश्वविद्यालय और यूजीसी के सहयोग से आयोजित यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर ऑनलाइन लघु अवधि पाठ्यक्रम के दूसरे दिन मानव अस्तित्व के मूलभूत पहलुओं पर एक गहन विचार-विमर्श हुआ।

Virat Sharma
Published on: 18 March 2025 8:56 PM IST
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Lucknow News: Photo Social Media

Lucknow News: मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय और यूजीसी के सहयोग से आयोजित यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर ऑनलाइन लघु अवधि पाठ्यक्रम के दूसरे दिन मानव अस्तित्व के मूलभूत पहलुओं पर एक गहन विचार-विमर्श हुआ। इस सत्र में विचारों का आदान-प्रदान और संवाद की विशेषता रही, जिसमें प्रतिभागियों ने मानव जीवन के सार्थक पहलुओं पर चिंतन किया।

सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. विनय चिद्री ने बताया कि मनुष्य का अस्तित्व ‘स्व’ और शरीर का सह-अस्तित्व है, जहां स्व व्यक्ति के अस्तित्व का केंद्र है। उन्होंने यह भी बताया कि हर व्यक्ति की मूल आकांक्षा निरंतरता में सुख की प्राप्ति है। उनका मानना है कि सच्चा सुख तभी संभव है जब जीवन के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य स्थापित हो, चाहे वह व्यक्ति के भीतर हो, परिवार में, समाज में, प्रकृति में या समग्र अस्तित्व में हो।

संवादात्मक प्रकृति और आंतरिक चिंतन

डॉ. विनय चिद्री ने कहा कि जब हमारी कल्पना हमारी प्राकृतिक स्वीकृति के अनुरूप होती है, तो उसे स्वतंत्रता कहा जाता है। यह वह स्थिति है, जहां व्यक्ति के विचार और कर्म उसकी स्वाभाविक प्रवृत्तियों और मूल्यों के अनुरूप होते हैं। सत्र की एक महत्वपूर्ण विशेषता इसकी संवादात्मक प्रकृति थी, जिसमें प्रतिभागियों ने केवल विचारों का आदान-प्रदान नहीं किया, बल्कि स्वयं में एक आंतरिक संवाद प्रारंभ करने की दिशा में भी कदम बढ़ाए। यह सत्र केवल एक व्याख्यान तक सीमित नहीं था, बल्कि चिंतनशील संवाद था, जिसने प्रतिभागियों को सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों की गहरी समझ को प्रोत्साहित किया।

प्रेरणादायक अंत और समग्र दृष्टिकोण

कार्यक्रम के अंत में सत्र अत्यंत प्रेरणादायक और आत्मविश्लेषणात्मक था। प्रतिभागियों ने इन सार्वभौमिक मूल्यों को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में आत्मसात करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह पाठ्यक्रम न केवल शिक्षकों और विद्वानों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और मूल्य-आधारित शिक्षा प्रणाली की दिशा में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है।

Virat Sharma

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Lucknow Reporter

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