Lucknow News: लखनऊ में रैन बसेरे फुल, कड़कड़ाती सर्दी में खुले में सो रहे तीमारदार, आखिर कहां है यूपी सरकार ?

Lucknow News: लखनऊ में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस बीच newstrack.com की पड़ताल में सरकारी दावे खोखले मिले। KGMU, ट्रॉमा सेंटर के बाहर तीमारदार खुले में सोते दिखे।

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Written By amanReport Ashutosh Tripathi
Published on: 6 Jan 2023 2:01 AM GMT (Updated on: 6 Jan 2023 2:01 AM GMT)
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मेडिकल कॉलेज के बाहर खुले में सोने को मजबूर तीमारदार (Photo: Ashutosh Tripathi)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। मौसम विभाग ने बढ़ती सर्दी के मद्देनजर आगामी 7 जनवरी तक शहरवासियों को सावधान रहने की चेतावनी जारी की है। लखनऊ में इन दिनों कोल्ड डे कंडीशन (Lucknow Cold Day Condition) है। ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने रैन बसेरे का इंतजाम किया है।

बढ़ती सर्दी के बीच लखनऊ के सभी इलाकों में रैन बसेरों में रहने की जगह नहीं है। ऐसे में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) और ट्रॉमा सेंटर में अपनों का इलाज करवाने आए तीमारदारों की हालत खस्ता है। अस्पतालों में मरीजों को बेड मिल जाते हैं, लेकिन तीमारदार कड़कड़ाती ठंड में खुले में सोने को मजबूर हैं।

सरकारी दावे खोखले

एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार लगातार ये दावे करती रही है कि, राजधानी में जगह-जगह रैन बसेरे का प्रबंध किया गया। शहर में अब कोई नागरिक खुले में सोता नहीं दिख रहा। मगर, सच्चाई इससे कोसों दूर है। newstrack.com ने जब पड़ताल की तो सरकारी दावे खोखले निकले। सबसे बुरी हालत लखनऊ के अगल-अलग अस्पतालों के बाहर तीमारदारों की देखने को मिली। कई तीमारदार आज भी सर्द हवाओं में खुले आसमान के नीचे सोने को विवश हैं। ऐसे में उनका भगवान ही मालिक है।


किस्मत वालों को ही रैन बसेरे में जगह

newstrack.com ने अस्पतालों में जाकर रैन बसेरों की व्यवस्थाओं की पड़ताल की। जहां कई खामियां मिली। एक तो रैन बसेरों में कम लोगों के सोने की व्यवस्था है। जिससे कुछ किस्मत वालों को ही रैन बसेरों में जगह मिल पाती है। शेष तीमारदार ठंड भरी रात में जमीन पर सोते मिले। कई लोग जहां-तहां गर्म कपड़ों और कंबलों में रात काटने को मजबूर दिखे।


कहीं तीमारदार ही न हो जाए बीमार

newstrack.com ने जब पड़ताल की तो उन्होंने अपना दुखड़ा बताया। अब चिंता इस बात की है कि जो अपनों के इलाज के लिए अस्पताल आए हैं, कहीं उन्हें ही इलाज की जरूरत न पड़ जाए। ऐसी ठंड में जहां राजधानी में रात का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, वहां खुले में सोने की कल्पना मात्र से ही शरीर सिहर उठता है। लेकिन, मजबूरी में कोई क्या करे। अपनों के स्वस्थ होने की कामना के साथ हर रात तीमारदारों पर भारी पड़ रही है।


सरकारी दावों के उलट व्यवस्था

newstrack.com के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे की नजर से देखिए लखनऊ में सरकारी दावों के उलट किस तरह लोग अभी भी खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन को चाहिए कि वो इस ओर ध्यान दें। इन सर्द रातों में तीमारदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।







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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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