Lucknow Pakka Pul History: 100 साल से भी ज्यादा पुराना है लखनऊ का पक्का पुल, अंग्रेजों ने कराया था निर्माण

Lucknow Pakka Pul History: राजधानी लखनऊ का पक्का पुल इन दिनों खबरों में है। इस खूबसूरत एवं ऐतिहासिक ब्रिज को 19 दिसंबर से छोटे वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।

Krishna Chaudhary
Published on: 19 Dec 2022 2:36 AM GMT
Lucknow News In Hindi
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लखनऊ का पक्का पुल

Lucknow Pakka Pul History: राजधानी लखनऊ का पक्का पुल जिसे उसके रंग के कारण लाल पुल भी कहा जाता है, इन दिनों खबरों में है। लखनऊ के दो हिस्सों को आपस में जोड़ने वाले इस खूबसूरत एवं ऐतिहासिक ब्रिज पर फिलहाल वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगी हुई है। 19 दिसंबर से पुल छोटे वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। यह पुल चलने लायक बचा है या नहीं, इसकी जांच आईआईटी रूड़की से आई टीम कर रही है। जो 30 दिसंबर को अपना रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।

क्या है इस पुल का इतिहास ?

अवध पर जब नवाबों का शासन था, तब लखनऊ के इसी जगह पर गोमती नदी पर एक शाही पुल हुआ करता था। इस पुल का निर्माण अवध के नवाब आसफ़ुद्दौला ने अपने शासन काल में कराया था। कहा जाता है कि उस समय यह पुल पत्थरों का बना हुआ था और इसे पार करने के लिए हरेक व्यक्ति को टैक्स जमा करना पड़ता था। इस पुल को शाही पुल के साथ – साथ नवाबी पक्का पुल भी कहा जाता था।

1857 में जब अंग्रेजों के खिलाफ भारत में पहला विद्रोह हुआ था, तब अवध की रियासत भी प्रभावित हुई थी। अंग्रेजों ने पूरी रियासत को अपने नियंत्रण में ले लिया था। अंग्रेजों ने तब के शाही पुल को कमजोर करार देते हुए साल 1911 में इसे तोड़कर नए पुल का निर्माण कार्य शुरू करवाया। 10 जनवरी 1914 को पुल बनकर तैयार हो गया। इसका उद्घाटन तत्कालीन ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड हार्डिंग द्वारा किया गया था। इसलिए इस पुल का एक नाम हार्डिंग ब्रिज भी है। लॉर्ड हार्डिंग 1910 से 1916 तक भारत के वायसराय थे।

पुल की बनावट

ऐतिहासिक हार्डिंग ब्रिज और पक्का पुल या लाल पुल आर्च डिजाइन में बनी है। इस पुल को बनाने का ठेका गुरूप्रसाद नामक भारतीय शख्स को ही मिला था। लेकिन इसके निर्माण में अंग्रेज अधिकारियों की टीम भी लगी हुई थी। जिनमें तीन एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर, दो सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर और दो असिस्टेंट इंजीनियर शामिल थे। इस पुल के दोनों ओर छह-छह खूबसूरत अटारियां यानी बालकनी बनवाई गई थीं। इसके दोनों ओर लगभग 10 मीटर ऊंचे कलात्मक स्तंभ भी बनवाए गए थे। पुल की लंबाई करीब 300 मीटर और चौड़ाई करीब 7 मीटर है।

पक्का पुल के बगल में बनाया गया दूसरा पुल

पक्का पुल पर यातायात का दवाब कम करने के लिए 6 साल पहले सरकार ने बगल में दूसरा पुल बनवाया। उस समय चर्चा थी कि अब पक्का पुल पर ट्रैफिक वन वे कर दिया जाएगा, मगर ऐसा हुआ नहीं। अभी भी इस पर दोनों ओर से ट्रैफिक चलता है। हालांकि, नए पुल के चालू हो जाने से पक्का पुल पर ट्रैफिक का दवाब काफी कम हुआ है।

Deepak Kumar

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