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सावधान हिंसा करने वालों: लखनऊ पुलिस करेगी तगड़ा एक्शन, छापेमारी शुरू
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में आरोपी जैनब सिद्दीकी ने बताया कि देर रात पुलिस आई और फोटो दिखाते हुए कहा कि वह सीएए-एनआरसी के प्रदर्शन में शामिल हुई थीं।
लखनऊ: कोरोना महामारी के आंकड़ों के मामलों में कमी आने के बाद लखनऊ पुलिस ने एक बार फिर पिछले साल दिसंबर में सीएए व एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। बीते गुरुवार की शाम को पुलिस ने कई आरोपियों पर ईनाम घोषित करते हुए पुराने लखनऊ में उनके पोस्टर चस्पा कर दिए तो रात में हसनगंज क्षेत्र में सात स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता जैनब के परिजनों और पुलिसकर्मियों में झडप भी हुई, पुलिस ने जैनब के पिता को हिरासत में लिया है। जबकि शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है।
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सुमैया ने लखनऊ पुलिस पर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा है
सुमैया ने लखनऊ पुलिस पर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने देर रात छापेमारी कर घर से महिलाओं को उठा कर थाने ले जाने का प्रयास किया। जिसका विरोध किया गया और इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हे नजरबंद कर दिया है, उनके घर के बाहर पहरा लगा दिया है और धमकी दे रहे है कि उनके घरों को गिरा दिया जायेगा।
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में आरोपी जैनब सिद्दीकी ने बताया
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में आरोपी जैनब सिद्दीकी ने बताया कि देर रात पुलिस आई और फोटो दिखाते हुए कहा कि वह सीएए-एनआरसी के प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। जैनब ने बताया कि उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, लेकिन किसी भी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई है और ना ही उनका इससे पहले किसी भी मुकदमे या फिर किसी प्रदर्शन में नाम शामिल रहा है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान घर आ रहे हैं उनके पिता को पुलिस ने पकड़ लिया। इस पर जैनब सिद्दीकी और पुलिस के बीच में तीखी झड़प हुई। जैनब ने कहा कि जब पुलिस उनके पिता को जबरदस्ती पकड़ने लगी तो उन्होंने विरोध किया।
पोस्टर पुराने लखनऊ इलाके में लगा दिए थे
इससे पहले गुरुवार शाम को राजधानी लखनऊ में पुलिस ने पिछले साल सीएए-एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा के मामलें में शिया धर्मगुरु मौलाना अब्बास समेत 14 अन्य आरोपियों पर 05-05 हजार रुपए का इनाम घोषित करते हुए इनके पोस्टर पुराने लखनऊ इलाके में लगा दिए थे।
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बता दे कि पिछले साल संसद द्वारा पारित सीएए कानून के विरोध में राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को चार थाना क्षेत्रों में उग्र प्रदर्शन किया गया था। जिसमे उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग लगाते हुए पथराव और पुलिस पर भी हमला करते हुए हुसैनाबाद पुलिस चैकी में आगजनी की थी। इस दौरान पथराव और गोलीबारी में कई लोग घायल हुए थे। परिवर्तन चैक पर पुलिस की गाड़ियों में आग तक लगा दी गई थी। इस मामले में हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज, हसनगंज व चैक थाने में दर्जनों एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसके बाद आरोपितों की पहचान कर पुलिस ने इन आरोपियों से संपत्ति को क्षति पहुंचाने की वसूली के लिए कुर्की कराने की कार्रवाई शुरू की थी। इससे घबरा कर कई आरोपी न्यायालय में आत्मसर्पण करने की तैयारी में थे।
मनीष श्रीवास्तव
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