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Lucknow: लखनऊ रेल डिवीजन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, 168 चूहे पकड़ने पर खर्च दिए 69 लाख, RTI से मिली जानकारी

Lucknow News: उत्तर रेलवे ने लखनऊ मंडल को लेकर जो जानकारी साझा की, वो अब खबरों में है। आरटीआई के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ रेल मंडल ने 168 चूहों को पकड़ने के लिए 70 लाख के करीब रूपया खर्च कर दिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 16 Sept 2023 5:30 PM IST
Lucknow Railway Division
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Lucknow Railway Division (Photo: Social Media)

Lucknow News: चूहे के आतंक से हर कोई परेशान है। घर हो या खेत या कोई व्यापारिक प्रतिष्ठान हर जगह चूहे नुकसान का बड़ा कारण बनते हैं। ट्रेन से सफर करने के दौरान अक्सर हम स्टेशनों पर पटरियों के बीच बड़े-बड़े चूहों को दौड़ते हुए पाते हैं। ये चूहे रेलवे को भी बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए इन पर लगाम लगाने के लिए बकायदा अलग से बजट का ऐलान किया जाता है। अब जानकारी सामने आ रही है कि रेलवे के अधिकारियों ने इसी बजट के साथ खेल कर दिया है।

दरअसल, मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने उत्तर रेलवे से चूहा पकड़ने पर खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी। उत्तर रेलवे ने लखनऊ मंडल को लेकर जो जानकारी साझा की, वो अब खबरों में है। आरटीआई के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ रेल मंडल ने 168 चूहों को पकड़ने के लिए 70 लाख के करीब रूपया खर्च कर दिया।

एक चूहे को पकड़ने में 41 हजार खर्च

जब किसी का मजाक बनाना हो या उसके काम पर तंज कसना हो तो अक्सर हम चूहे पकड़ने जैसा शब्द का इस्तेमाल करते हैं। एक अन्य प्रचलित कहावत है – खोदा पहाड़ निकली चूहिया। मगर रेलवे मंडल के अधिकारियों को तो बस ट्रैक पर गोदाम में इधर-उधर भागते और छिपे चूहों को पकड़ना था। अधिकारियों के लिए यह काम इतना कठिन था कि वे तीन साल में महज 168 चूहे ही पकड़ पाए। इस पूरी कवायद के पीछे 69 लाख रूपये खर्चा आया यानी एक चूहे को पकड़ने के लिए 41 हजार की लागत आई।


आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के मार्फत जब से ये जानकारी सार्वजनिक हुई है, सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग लखनऊ रेल डिजीवन के अधिकारियों की खूब मौज ले रहे हैं। वहीं, यह मामला सार्वजनिक होने के बाद से रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। कोई भी अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से कन्नी काट रहा है। दरअसल, रेलवे में चूहा पकड़ने के नाम पर इस तरह की धांधली पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी 2013 और 2016 में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि रेलवे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या एक्शन लेती है।



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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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