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Lucknow News: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में लखनऊ पहले स्थान पर

Clean Air Survey: स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही लखनऊ पिछड़ गया हो, लेकिन वायु सर्वेक्षण में लखनऊ पहले स्थान पर आया है। शहर वासियों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा उपलब्ध है।

Anant kumar shukla
Published on: 4 Dec 2022 5:38 AM GMT
Lucknow ranks first in clean air survey
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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में लखनऊ पहले स्थान पर: Photo- Social Media

Clean Air Survey: स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) में भले ही लखनऊ पिछड़ गया हो, लेकिन पहली बार किए गए वायु सर्वेक्षण (clean air survey) में लखनऊ पहले स्थान पर आया है। शहर वासियों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा उपलब्ध है। इस उपलब्धि के लिए उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित समारोह में महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Union Ministry of Environment Forest and Climate Change) की ओर से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि के लिए लखनऊ नगर निगम को डेढ़ करोड़ रुपए भी पुरस्कार स्वरूप दिया गया। रुपए को वायु प्रदूषण कम करने के लिए खर्च किया जाएगा।

कोरोना काल से पूर्व वायु गुणवत्ता

कोरोना काल से पूर्व सर्दियों के समय AQI 450 तक पहुंच जाता था । लेकिन कोरोना काल के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार आया और लगभग पिछले 3 साल से AQI 300 से नीचे ही रहा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च की हाल ही में जारी हुई मानसून से पहले और मानसून के बाद की रिपोर्ट के अनुसार भी लखनऊ की हवा में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है। लेकिन रिपोर्ट में लालबाग, तालकटोरा, चारबाग और आलमबाग में हवा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत बताई गई है। यूपीपीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी डॉ रामकरण ने बताया कि पिछले सालों में प्रशासन व नगर निगम के साथ मिलकर इस दिशा में कई कार्य किए गए।

महापौर व नगर आयुक्त हुए सम्मानित

वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण में लखनऊ के प्रथम स्थान पर आने के बाद भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में महापौर संयुक्ता भाटिया व नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए 5 साल से कार्य कर रही हूं। नगर निगम मुख्यालय के सामने स्थित झंडी पार्क में कृत्रिम फेफड़े लगवाए गए हैं।

प्रदूषण से इन फेफड़ों रंग में परिवर्तन हो जाता है, जिससे पता लगाया जा सकता है कि शहर में कितना वायु प्रदूषण है और हमारी सेहत पर कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 9 रोड स्वीपिंग मशीन, 8 एंटी स्माग गन, 40 वाटर स्प्रिंकल मशीनों को 15 वे वित्त आयोग के बजट से खरीदा। जिनका वायु गुणवत्ता में सुधार में अहम योगदान है।

कोरोना काल में खरीदे गए संसाधनों का मिला फायदा

कोरोना काल में नगर निगम द्वारा सैनिटाइजेशन के लिए चार एन्टी स्मॉग गन, स्प्रिंकलर की सुविधा वाले लगभग 20 वाटर टैंकर खरीदे गए थे। जो सैनिटाइजेशन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे लेकिन अब इनका प्रयोग वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने और पेड़ों की धुलाई के लिए किया जा रहा है।

Shashi kant gautam

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