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SGPGI का सख्त कदम: कोरोना मरीजों के लिए किया ये ऐलान, अलग की गई व्यवस्था
राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना काल में भी गुर्दे के रोगियों का इलाज पूरी तेजी के साथ के किया जा रहा है।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना काल में भी गुर्दे के रोगियों का इलाज पूरी तेजी के साथ के किया जा रहा है। मार्च में लॉकडाउन शुरू होने से अब तक SGPGI में 450 कोरोना संक्रमित मरीजों का डायलिसिस किया जा चुका है और प्रतिदिन कोरोना संक्रमित और सामान्य गुर्दे के 30-35 मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है।
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यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही
दरअसल, कोरोना संक्रमण की तेज प्रसार के कारण यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि सामने आ रही है और इसी के साथ कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। कोरोना के इलाज में लगे चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से ज्यादातर उन मरीजों की मौत हो रही है, जिन्हे कोरोना के अलावा हृदय रोग, डायबिटीज, लीवर या गुर्दे के रोग भी है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन रोगों से ग्रसित मरीजों की देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाती है।
SGPGI के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो. अमित गुप्ता ने कहा
SGPGI के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो. अमित गुप्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण गुर्दा मरीजों को डायलिसिस करने में दिक्कत आ रही थी। कोरोना संक्रमित गुर्दा मरीजों के डायलिसिस के लिए यहां राजधानी अस्पताल में अलग से व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इसके लिए यहां चार डायलिसिस प्रशिक्षण नर्सों और टेक्नीशियन की टीम डायलिसिस के लिए लगायी गई है। डॉ. गुप्ता के मुताबिक यहां 10 डायलिसिस मशीने लगाई गई है। उन्होंने बताया कि डायलिसिस के लिए जरूरी शुद्ध पानी के लिए एक पोर्टेबेल आरओ मशीन भी लगायी गई है।
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डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्थिर हालात वाले मरीजों को आइसोलेशन में और गंभीर बीमारी वाले मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों से काफी ऐसे मरीज आ रहे है जिन्हे कोरोना और गुर्दा रोग दोनों ही है। ऐसे मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने बताया कि अभी तक संस्थान में कोविड और गुर्दा संक्रमण के करीब 100 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है और इनमें से ज्यादातर मरीजों को इलाज के बाद कोविड की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।
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