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The Mango Foundation: झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने बोर्ड परीक्षा में रोशन किया परिवार का नाम, संस्था की मेहनत का मिला शानदार फल

The Mango Foundation: द मैंगो फाउंडेशन पिछले 6 वर्षों से लखनऊ की मलिन बस्तियों में मुफ्त शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 19 Jun 2022 7:42 PM IST (Updated on: 19 Jun 2022 8:29 PM IST)
The Mango Foundation
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The Mango Foundation: आज के दौर में इस दौड़ती-भागती जिंदगी में इंसान खुद के बारे में सबसे पहले सोचता है। अपने लिए समय बचाता है। खुद की ख्याहिशों को पूरा करने के लिए लगा रहता है। ऐसे में तेजी से उभरते भविष्य को साथ लेकर चल रहे राजधानी लखनऊ में युवाओं की एक ऐसी संस्था है, जिसने बीड़ा उठाया है गरीब बच्चों को साक्षर बनाने का। झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले उन बच्चियों का भविष्य बनाने का, जिन्हें कच्ची उम्र में मजबूरी वश घर-घर में झाडूं-पोंछा करना पड़ता है, फिर शादी के बंधन में बांध दिया जाता है। उन बच्चों को हौसला देने वाली इस संस्था का नाम है द मैंगो फाउंडेशन (THE MANGO FOUNDATION)।

सन् 2016 में लखनऊ के नेशनल कॉलेज में ग्रेजेएशन की पढ़ाई करने के दौरान यशस्वी सोनकर (Yashasvi Sonkar) ने अपने मित्रों के सहयोग से एक संस्था की स्थापना की। जिसका नाम द मैंगों फाउंडेशन दिया गया। इसका संस्था (The Mango Foundation) का उद्देश्य गरीब और पिछड़ी बस्ती में रहने वाले शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा देना। इसके साथ ही उनके सपनों को साकार करने की उनमें लौ जलाना। जिससे वे समाज में मुख्य भूमिका निभा सकें।

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द मैंगो फाउंडेशन पिछले 6 वर्षों से लखनऊ की मलिन बस्तियों में मुफ्त शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है। वर्ष 2016-17 की शुरुआत में पहले इस संस्था ने इंदिरानगर स्थिति बस्ती में अपने राहत कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 80 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की।

फिर इसके बाद वर्ष 2018 की शुरूआत में रोटरी क्लब लखनऊ भी हमारे प्रयास में हमारा साथ देने को आगे आया और हमने उनके सहयोग से उनके परिसर में निरालानगर की बस्ती के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।


वर्ष 2020 से संस्था (The Mango Foundation) द्वारा 16 बच्चों का दाखिला कक्षा नवीं में यू.पी.बोर्ड से करवाया था। इन 16 बच्चों को पढ़ाने की पूरी ज़िम्मेदारी संस्था ने ली थी। जिसमें बच्चों को निःशुल्क किताबें एवं शिक्षा देने का प्रण संस्था ने लिया था। जिसका नेतृत्व रिया जायसवाल जी ने किया था।

संस्था ने जिन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया था उनमें से अधिकतर बच्चों के माता-पिता आसपास के घरों में बर्तन धोने और झाड़ू पोछे करते हैं। जिनके पास बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम हो पाता है। ऐसे में इस महंगाई के दौर में शिक्षा में लगने वाला खर्च बचने का तो सवाल ही नहीं उठता।

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इस संस्था को सबसे ज्यादा खुशी उस समय हुई, जब उनके बच्चों का यूपी बोर्ड का परिणाम आया। अपने बच्चों के बारे में संस्था के अध्यक्ष यशस्वी सोनकर बताते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में जिस लक्ष्य को लेकर हम चले थे, उसका पहला कदम सफल रहा। बीते दिनों हाईस्कूल यू.पी.बोर्ड का परिणाम जारी हुआ था। जिसमे द मैंगों फाउनंडेशन संस्था(The Mango Foundation) के 15 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की। वो भी बहुत अच्छे नंबरों से। 4 विद्यार्थियों ने 75 प्रतिशत अंक से ज़्यादा प्राप्त किया है। अंग्रेज़ी जैसे कठिन विषय मे भी 2 छात्राओं ने 95 अंक प्राप्त किये।

इन सभी विद्यार्थियों में खुशी कश्यप 86.33 प्रतिशत के साथ अव्वल रहीं। ये बच्चे एक स्थानीय झुग्गी बस्ती से हैं, और संस्था उन्हें पिछले दो वर्षों से मुफ्त और उच्च गुणवत्तावाली शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

आगे संस्था (The Mango Foundation) के अध्यक्ष यशस्वी ने बताया कि बोर्ड परीक्षा अच्छे नंबरों से पास होना बच्चों के अच्छे सुनहरे भविष्य की अच्छी शुरुआत की और मुझे विश्वास है कि वे निकट भविष्य में महान चीजें हासिल करेंगे।



Vidushi Mishra

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