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Lucknow University: नई शिक्षा नीति के तहत एक वर्षीय PG कोर्स शुरू करने के लिए समिति गठित, इन बिन्दुओं पर होगी जांच

Lucknow University: समिति में प्रो. राकेश चंद्र, प्रो. पूनम टंडन, प्रो. विभूति राय, प्रो. अमिता बाजपेयी, प्रो. विमल जायसवाल, प्रो. मंजुला उपाध्याय, प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह शामिल हैं।

Anant kumar shukla
Published on: 10 Feb 2023 2:53 PM GMT
Lucknow University
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Lucknow University (Social Media)

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय NAAC द्वारा A++ मान्यता, QS वर्ल्ड रैंकिंग और THE रैंकिंग सहित कई अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में स्थान प्रप्त किया है। अब कुलाधिपति और कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय की वैश्विक पहुंच को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार लखनऊ विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों के उन्नयन के लिए कदम बढ़ा रहे है। लखनऊ विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अक्षरश: लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। एक साल का पीजी कोर्स भी नई शिक्षा नीति का अहम हिस्सा है। जिसे विश्वविद्यालय में लागू करने के लिए समिति का गठन किया गया है।

समिति मे ये शामिल है

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने एनईपी-2020 की सिफारिशों के अनुरूप एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम तैयार करने के लिए एक समिति का गठन कर दिया है। समिति में प्रो. राकेश चंद्र, प्रो. पूनम टंडन, प्रो. विभूति राय, प्रो. अमिता बाजपेयी, प्रो. विमल जायसवाल, प्रो. मंजुला उपाध्याय, प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह शामिल हैं। एक वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम के ढांचे पर चर्चा करने के लिए इसकी पहली बैठक 9 फरवरी को हुई थी। ताकि चार वर्षीय स्नातक छात्रों को दिए गए क्रेडिट ढांचे के भीतर एक वर्ष मे पर्याप्त ज्ञान प्राप्त हो सके।

अमेरिका और यूरोप मे पहले से ही ये व्यवस्था है

डीन एकेडमिक्स प्रो पूनम टंडन ने बताया कि कमेटी के सदस्य दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के एक वर्षीय परास्नातक कार्यक्रम के पाठ्यक्रम और पैटर्न को देखने के लिए सहमत हुए। एक साल का परास्नातक पाठ्यक्रम स्नातक छात्रों को आगे बढ़ने के विशेषज्ञता के चयन में तथा उस क्षेत्र मे अपने ज्ञान को बढ़ाने का अवसर देता है। अमेरिका और यूरोपीय विश्वविद्यालयों की संख्या पहले से ही इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम चला रही है।

विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद लागू होगा कार्यक्रम

समिति ने इस बात पर भी विचार किया कि क्या विश्वविद्यालय को इस विशेष कार्यक्रम के लिए ट्राइमेस्टर प्रणाली या द्वि-वार्षिक सेमेस्टर प्रणाली अपनानी चाहिए। यह भी निर्णय लिया गया कि छात्रों को अधिक विकल्प देने के लिए एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम में सभी विषय क्षेत्रों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि समिति के सदस्य सभी हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ उचित विचार-विमर्श के बाद एनईपी द्वारा परिकल्पित एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम को विकसित करने के लिए काम करेंगे।

Anant kumar shukla

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Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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