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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय का विदेशी छात्रों की संख्या में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित, बनेगा अलग छात्रावास

Lucknow University: पिछले तीन वर्षों के दौरान 155 नए संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई। 197 शिक्षको की पदोन्नति की गई। 20 नए शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। 37 कर्मचारियों को नियमित किया गया।

Anant kumar shukla
Published on: 4 Jan 2023 4:11 PM GMT
Lucknow University focuses on increasing the number of foreign students
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Lucknow University focuses on increasing the number of foreign students

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में दूसरी बार कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने 4 जनवरी को दोपहर 2:00 बजे मंथन हॉल में प्रेस वार्ता की। मीडियाकर्मियों से उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों से संस्थान के प्रमुख के रूप में वह अपने पिछले कार्यकाल के दौरान हुई सभी उपलब्धियों और खामियों के लिए जिम्मेदार हैं। इसके बाद उन्होंने उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के आंकड़े साझा किए।

विश्वविद्यालय को मिला ए++ ग्रेड

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में महत्वपूर्ण सुधार किया है। पिछले वर्ष नैक द्वारा ए++ ग्रेड से मान्यता प्राप्त की है।

NEP-2020 लागू करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय था जिसने NEP-2020 को लागू किया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यूजी व पीजी पाठ्यक्रम मॉडल अन्य विश्वविद्यालयों के लिए बेंचमार्क है। पिछले तीन वर्षों के दौरान नए संस्थानों की स्थापना। नए संकाय, डी.लिट, यू.जी., पीजी, पीएचडी के लिए नए अध्यादेश तैयार किया गया है। साथ ही डिप्लोमा कोर्सों के पुनर्गठन का काम पूरा कर लिया गया है।

विदेशी आवेदनों में हुई वृद्धि

प्रौद्योगिकी पहल में वेबसाइट का नवीनीकरण अप्रैल 2020 में पूरा किया गया। जिसके परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में छह करोड़ वेबसाइट हिट दर्ज किए गए। इसके अलावा छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्लेट प्लेटफॉर्म भी मुहैया कराया गया। विदेशी आवेदन में वृद्धि देखी गई है। सत्र 2022-23 के लिए 800 आवेदन प्राप्त हुए थे।

तीन साल मे 155 संकाय सदस्यों की हुई नियुक्ति

पिछले तीन वर्षों के दौरान 155 नए संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई। 197 शिक्षको की पदोन्नति की गई। 20 नए शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। 37 कर्मचारियों को नियमित किया गया। शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए 264 ग्रेड पदोन्नति की गई। विश्वविद्यालय अब चरणबद्ध तरीके से लंबे समय से बकाया पांच करोड़ जल कर का भुगतान करने में सक्षम है।

तीन वर्षों में वेब ऑफ साइंस एच-इंडेक्स बढ़कर 95 हुआ

आलोक कुमार राय ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में, विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और शोध छात्रों के लिए कई शोध प्रोत्साहन योजनाओं को शुरू करके अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को तैयार किया है। जिसके परिणामस्वरूप वेब ऑफ साइंस एच-इंडेक्स 77 से बढ़कर 95 हो गया। जबकि, एससीओपीयूएस एच-इंडेक्स 83 से बढ़कर 105 हो गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शोध साहित्य प्रबंधन विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

अनुसंधान प्रकोष्ठ का गठन

उन्होंने बताया कि 2019-20 में विभिन्न फंडिंग एजेंसी से अनुसंधान सहायता की मात्रा 6.5 करोड़ थी। जो 2021-22 में बढ़कर 17 करोड़ हो गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान को मजबूत करने के लिए अनुसंधान प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि 2020 में विश्वविद्यालय में पहले से ही पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम चल रहा है। इसमें प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस भी है।

तीना सालों में बदला विश्वविद्यालय का कायाकल्प

मंथन हॉल, मालवीय हॉल का जीर्णोद्धार और विश्वकर्मा हॉल का निर्माण किया गया है। सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर के साथ शौचालय परिसरों की स्थापना की गई। पुस्तकालय उन्नयन, विभागीय अधोसंरचना में उत्थान किया गया है। साथ ही शिक्षा संकाय में बोर्ड रूम और ऑडिटोरियम की और चार छात्रावासों की नवीनीकरण किया गया है। सभी 17 छात्रावासों में अब ओपन एयर जिम है। कुछ छात्रावासों में अब पूर्व छात्रों द्वारा प्रायोजित अतिथि कक्ष हैं।

छात्रों के सहयोग के लिए कई व्यवस्थाएं

छात्र सहयोग के लिए डिजिटल चैनल, ट्विटर हैंडल, यूनिवर्सिटी मोबाइल एप, कॉफी विद वीसी कार्यक्रम बनाया गया है। छात्रों को वित्तीय सहायता के लिए, वीसी केयर फंड, शोधमेधा, कर्मयोगी योजना, छात्र कल्याण निधि और छात्र कल्याण छात्रवृत्ति योजनाएँ शुरू की गईं। साथ ही स्टूडेंट ओपीडी, ट्री, काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल, हैप्पी थिंकिंग लैब जैसी मेंटरिंग पहल की स्थापना की गई। साथ ही EASE प्रोग्राम और लाइब्रेरी ऑटोमेशन किया गया है।

प्लेसमेंट के साथ-साथ आवेदनो में हुई वृद्धि

प्रो. राय ने बताया कि प्लेसमेंट अनुभाग में, विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2019-20 में, केवल 106 प्लेसमेंट हासिल किए गए जबकि 2022-23 में अब तक 718 प्लेसमेंट हुए हैं। साथ ही प्लेसमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप बढ़ाने के लिए इनक्यूबेशन सेल की स्थापना की गई है। 2019 में विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन लगभग 39000 थे जो सत्र 2022-23 में देश के 31 विभिन्न राज्यों से लगभग 1700 आवेदनों के साथ बढ़कर 75000 हो गए।

कैसा रहे अगला तीन साल

अगले तीन वर्षों के अपने रोडमैप में, प्रो. राय ने कहा कि वह पिछले तीन वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों को भुनाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, वह संस्थागत पुनर्गठन, वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि करके अनुसंधान उत्पादन में सुधार, उद्यमिता के संस्थागत सेट-अप, विदेशी छात्रों की संख्या में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

प्रो. राय ने कहा कि विदेशी छात्रों के लिए अलग छात्रावास स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, अंतराल की पहचान करने के लिए ऑनलाइन छात्र प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि आने वाले तीन वर्षों में, विश्वविद्यालय जी20 देशों में विदेशी परिसर स्थापित करने का प्रयास करेगा और चरणों में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा शुरू करेगा। साथ ही, इस वर्ष विश्वविद्यालय छात्र के भावनात्मक मूल्यों और समग्र विकास में सुधार के लिए इंटरकॉलेजिएट सांस्कृतिक उत्सव और इंटरकॉलेजिएट खेल उत्सव आयोजित करेगा। अंत में, प्रो. राय ने बताया कि इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर में 65वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा। डॉ. के. कस्तूरीरंगन दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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