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UP Assembly: विधान परिषद में उठा जातिवार जनगणना कराने का मामला
UP Assembly: विधान परिषद में आज विधान परिषद में आज नेता सदन और जलशक्ति मंत्री स्वतन्त्रदेव सिंह ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया
Lucknow UP Assembly: विधान परिषद (UP Legislative Assembly) में आज विधान परिषद में आज नेता सदन और जलशक्ति मंत्री स्वतन्त्रदेव सिंह (Jal Shakti Minister Swatantra Dev Singh) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 (financial year 2022-23) का बजट पेश किया। योगी सरकार (Yogi Governmnet) के दूसरे कार्यकाल का यह छह लाख 15 हजार पांच सौ 18 करोड का है। नेता सदन ने पूरा बजट भाषण पढ़ा। आज सदन में प्रश्न काल नहीं हुआ। सदन में आज कार्य स्थगन के सूचनाओं पर कई मौके ऐसे आये जब सत्ता पक्ष के सदस्य भी विपक्ष की उठायी गयी सूचनाओं का समर्थन करने लगे ऐसे में सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह (Chairman Kunwar Manvendra Singh) को कहना पड़ा कि कार्य स्थगन विपक्ष का होता है। इसपर सत्ता पक्ष का बोलना उचित नहीं। उन्होंने नेता सदन से कहा कि काम रोको प्रस्ताव पर शासक दल को नहीं बोलना चाहिए। नेता सदन इसको देख लें।
नियम 105 पर किसी सदस्य को बोलने का अधिकार नहीं दिया जायेगा: स्वतन्त्रदेव सिंह
नेता सदन स्वतन्त्रदेव सिंह ने पीठ को आश्वस्त किया कि नियम 105 पर किसी सदस्य को बोलने का अधिकार नहीं दिया जायेगा। इसके साथ ही सदन में जातिगत जनगणना, बुनकरों की समस्या, कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के तहत बने आवासों की जीर्ण-शीर्ण स्थित का मामला भी उठा। सदन के सदस्य राजपाल कश्यप, अरविन्द कुमार सिंह और नेता प्रतिपक्ष डा संजय लाठर के कार्यकाल का भी आज अंतिम दिन रहा।
जातिवार जनगणना कराने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया
शून्य प्रहर में नियम-39 के अन्तर्गत कांग्रेस के दीपक सिंह ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के भूतपूर्व सदस्यों को गनर दिलाये जाने के संबंध में सूचना दी। सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह ने सूचना पर निर्देश दिये कि भूतपूर्व राजनीतिक सदस्य निरन्तर कार्य करते रहे हैं, उन्हें 10 प्रतिशत में भुगतान पर सरकार अवश्य गनर उपलब्ध कराये अन्यथा उन्हें अवगत कराये कि किन कारणों से गनर नहीं दिया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी अरविन्द कुमार, संजय लाठर, राजपाल कश्यप आदि सदस्यों ने जातिवार जनगणना कराने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सदस्यों ने कहा कि भाजपा चुनाव से पूर्व लगातार समय-समय पर जातिवार जनगणना को कराने की बात कहती रही लेकिन अब जब 2021 में जनगणना होने जा रही है तो भाजपा जातिवार जनगणना से किनारा कर रही है। इससे उनकी दोहरी मानसिकता का पता चलता है।
आवासों की जीर्ण-शीर्ण स्थिति का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया
बसपा के दिनेश चन्द्रा, भीमराव अम्बेडकर, अतर सिंह राव ने श्री कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत हर नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद व नगर निगम क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए बनाये गये आवासों की जीर्ण-शीर्ण स्थिति का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। अम्बेडकर ने कहा कि यहां रहनेवाले परिवार इतने गरीब है कि वे बाहर का रख-रखाव नहीं करा सकते। ना ही पुताई करवा सकते हैं। बहुत खराब व्यवस्था के कारण ये रहनेलायक नहीं रह गये हैं। सरकार की ओर से मंत्री धर्मपाल सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि आन्तरिक सुविधाओं व रख-रखाव की जिम्मेदारी स्थानीय निवासियों की है। सदस्य ने पूछा कि बहुत से आवास रिक्त पड़े हैं उन्हें कब तक आवंटित किया जायेगा। पूर्व नेता सदन दिनेश शर्मा ने कहा कि ये आवास निर्बल वर्ग के लोगों को आवंटित किये गये हैं। रिक्त को आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है।
कांग्रेस के दीपक सिंह ने प्रदेश ग्राम पंचायतों में कोरोना काल के समय से लेकर अभी तक करवाये गये विकास कार्यों का भुगतान कराये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सूचना की ग्राहय्ता पर दीपक सिंह ने विचार व्यक्त किये। उनके साथ ही सत्ता पक्ष के सदस्यों रवि शंकर सिंह पप्पू ने कहा सत्ता पक्ष का सदस्य हू, बोलने का अकिार नहीं है लेकिन मांग है कि यह काम कराया जाये। रमा निरंजन समेत एक अन्य सदस्य ने भी दीपक सिंह का समर्थन किया। पंचायती राज मंत्री ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया।
शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी (Dhruv Kumar Tripathi of Teachers Team) और सुरेश कुमार त्रिपाठी ने राजकीय कर्मचारियों एवं राजकीय शिक्षकों को प्राप्त निःशुल्क चिकित्सकीय सुविधा की भांति की प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी कैशलेस चिकित्सा की सुविधा अनुमन्य कराये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सदस्योें ने कहा कि हम सरकार से न्याय और अपना हक मांग रहे हैं। जिसपर निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चन्देल ने कहा कि चिकित्सा सुविधा महत्वपूर्ण सुविधा है। शिक्षकों के बीच में विभेद क्यों किया जा रहा है। सरकार ने सदन को तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा कि गुण-दोष के आधार पर विभाग परीक्षण करेंगे। सरकार के जवाब से असंतुष्ट आकाश अग्रवाल ने सदन से वाकआउट किया।
निर्दलीय समूह के इन सदस्यों ने किये विचार व्यक्त
निर्दलीय समूह के सदस्य डॉ आकाश अग्रवाल (Dr Akash Agarwal, member of independent group) और राजबहादुर सिंह चंदेल ने वर्ष 2022 में माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के छात्रों की ई-मेल आईडी अनिवार्य करने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सूचना की ग्राहता पर उमेश द्विवेदी, देवेन्द्र प्रताप सिंह एवं शतरूद्र प्रकाश ने भी विचार व्यक्त किये।
विद्यालयों के लिए वेबसाइट अनिवार्य कर दी गयी: डॉ. अग्रवाल
डॉ. अग्रवाल (Dr Akash Agarwal) ने कहा कि विद्यालयों के लिए वेबसाइट अनिवार्य कर दी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो छात्र पढ़ रहे हैं, उनके लिए ई-मेलआई बनाना तथा ईमेल आईडी को शीघ्रता से चेक कर पाना संभव नहीं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहेनेवाले छात्रों के पास एड्रायड मोबाइल नहीं हैं। यह समस्या छोटी दिख रही है, लेकिन शिक्षा से जुड़ी है और छोटी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र निर्धन हैं और वे इतना खर्च वहन नहीं कर सकते। कक्षा नौ से बारह तक के एक करोड़ छात्र हैं ये किस तरह से करेंगे। छात्रों भविष्य से जुड़ा प्रश्न है। इसे अनिवार्य न करते हुए ऐच्छिक किया जाये। सरकार ने सदन को तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति डिजिटल हो रही है। सूचना प्रोद्योगिकी का जमाना है। ईमेल आईडी साइवर कैफे में जाकर बनायी जा सकती है। बहुत सी परीक्षाएं आनलाइन हैं। ऐसे में हमे छात्रों को इस विधा में दक्ष करना है।