Lucknow News: 350 साल पुराना पीपलेश्वर महादेव मंदिर, जानें ऐतिहासिक मंदिर की क्या मान्यताएं

Sawan 2024: पीपलेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। भोलेनाथ के यह मंदिर करीब 350 साल पुराना है। इस मंदिर परिसर में दो बड़े पीपल के पेड़ के नीचे शिवालय है। जिसमें महादेव विराजे हुए हैं। इसी कारण इन्हें पीपलेश्वर कहा जाता है।

Abhishek Mishra
Published on: 12 Aug 2024 12:15 PM GMT
Lucknow News: 350 साल पुराना पीपलेश्वर महादेव मंदिर, जानें ऐतिहासिक मंदिर की क्या मान्यताएं
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Lucknow News: सावन माह के चौथे सोमवार पर शहर के शिव मंदिरों और शिवालयों में भक्तों का जमावड़ा लगा रहा। शिवभक्त अपने हाथों में जल लिए लंबी-लंबी कतारों में लगे रहे। हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए वह शिवंलिंग पर जलाअभिषेक करने पहुंचे। मलिहाबाद क्षेत्र के पीपलेश्वर महादेव मंदिर पर भी यही हाल देखने को मिला।

350 साल पुराना पीपलेश्वर मंदिर

राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र में स्थित पीपलेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। भोलेनाथ के यह मंदिर करीब 350 साल पुराना है। इस मंदिर परिसर में दो बड़े पीपल के पेड़ के नीचे शिवालय है। जिसमें महादेव विराजे हुए हैं। इसी कारण इन्हें पीपलेश्वर कहा जाता है। मंदिर परिसर में ही माता संकटा देवी विराजमान हैं। यहां महादेव के साथ ही पीपल देव और संकटा देवी के पूजन अर्चना का विधान है। पीपल के वृक्ष में धागा बांध कर सुहागिन स्त्रियां जहां अपने पति व संतान की दीर्घायु की कामना करती है वहीं युवतियां पीपलेश्वर महादेव की पूजा कर मनवांछित वर व मंगलमय जीवन की कामना करती हैं। नवविवाहित महिलाएं संकटा माता के स्वरूप का विशेष श्रृंगार व पूजन कर सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मांगती है। मंदिर परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराना इंदारा कुआं व संतोषी माता माता मंदिर भी है। इन्हें लेकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं में अनेकों मान्यताएं हैं।

मंदिर में होते धार्मिक आयोजन

विवाह संस्कार के समय क्षेत्र के सनातनी यहां कुआं व्याहने की रस्म अदा करते हैं। विवाह के बाद नवविवाहिता को लेकर अनेकों महिलाएं यहां प्रसाद चढाने, पिन्नी चढ़ाने, श्रंगार पूजन आदि रस्में पूरी करती है। भादों माह में यहां विशेष हवन-पूजन कर कुंवारी कन्याओं का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, बड़े मंगल आदि पर्वो पर यहां कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं।

संकटा माता को लेकर हैं अनेकों मान्यताएं

पीपलेश्वर मंदिर व्यवस्थापक आदित्य अवस्थी बताते हैं कि पीपलेश्वर महादेव मंदिर और इससे जुड़े अन्य मंदिरों आदित्य अवस्थी को संवारने के कार्य निरंतर किया जा रहा है। पीपलेश्वर महादेव के इस स्वरूप के साथ यहां विराजमान संकटा माता को लेकर लोगों में अनेकों मान्यताएं हैं। लोगों का मानना है कि मां सभी बाधाओं को दूर करती हैं।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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