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69000 Assistant Teacher आरक्षण घोटाले का मामला बेहद गंभीर..जल्दबाजी में नहीं सुनेंगे-कोर्ट
69000 Assistant Teacher: हाई कोर्ट डबल बेंच के जस्टिस विवेक चौधरी एवं जस्टिस मनीष कुमार की बेंच में सुनवाई हुई।
69000 Assistant Teacher Reservation Scam: आज यानी मंगलवार को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच के जस्टिस विवेक चौधरी एवं जस्टिस मनीष कुमार की बेंच में सुनवाई हुई। समय अभाव के कारण सुनवाई ज्यादा देर तक नहीं हो पाई। सुनवाई के दौरान डबल बेंच ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह आरक्षण घोटाले का मामला बेहद गंभीर है। इसलिए हम इस मामले को जल्दबाजी में नहीं सुनेंगे। क्योंकि हम चाहते हैं कि इस मामले को पूरा डिटेल में सुना जाए और जल्द से जल्द इस मामले का निस्तारण हो सके। इसलिए इस मामले को अगली सुनवाई की तिथि 11 सितंबर के लिए लगा रहे है। इस मामले पर 11 सितंबर से लगातार सुनवाई होगी।
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सिंगल बेंच आदेशों की हुई अनदेखी
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच के जस्टिस ओ. पी.शुक्ला ने 13 मार्च 2023 को सरकार को आदेश दिया और स्पष्ट तौर पर कहा कि इस भर्ती की मूल चयन सूची 3 महीने के अंदर बनाई जाए। उसमें स्पष्ट तौर पर देखा जाए कि इस भर्ती में आरक्षित वर्ग ओबीसी को 27% तथा एससी वर्ग को 21% आरक्षण दिया गया है या नहीं। इसके अलावां बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग की गई है या नहीं। यह सब कुछ उस मूल चयन सूची में देखा जाए तथा वह मूल चयन सूची अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सबकैटिगरी तथा जन्म तिथि के कॉलम में बनाई जाए। लेकिन हाई कोर्ट सिंगल बेंच के आदेश के तहत सरकार को 3 महीने का दिए गए समय की समयसीमा समाप्त हो गई। मंगलवार को 4 महीने से अधिक का समय बीत गया उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची आज तक जारी नहीं किया गया।
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मूल चयन सूची बनाने और दिखाने से बच रही सरकार
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा ने कहा कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला किया गया। सरकार इस भर्ती की मूल चयन सूची बनाने और दिखाने से बच रही है, जिस कारण आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आक्रोश एवं नाराजगी है।