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Lucknow Acid Attack: महज 20 रूपये की बोतल बर्बाद कर सकती ज़िंदगी... चौक की घटना पर एसिड अटैक सर्वाइवर्स का छलका दर्द
Lucknow Acid Attack: शीरोेज में काम करने वाली खुशबू ने कहा कि मेरे ऊपर 2020 में एसिड अटैक हुआ। दोषियों को सजा हुई। 2021 में ही आरोपी छूट गया। महज बीस रुपए की बोतल किसी की जिंदगी को बर्बाद कर देती है। ऐसा करने वालों ठोस कदम उठाते हुए कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जिससे उनकी दोबारा एसिड की बोतल उठाने की हिम्मत न हो। एसिड फेंकने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
Lucknow Acid Attack Case: राजधानी के चौक क्षेत्र में छात्रा पर एसिड अटैक की घटना से लोगों में काफी नाराजगी है। गोमतीनगर स्थित शीरोज हैंगआउट कैफे में काम करने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने चौक में छात्रा पर एसिड फेंके जाने की घटना पर नाराजगी जताई है। सर्वाइवर्स ने अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। ‘न्यूजट्रैक’ ने एसिड अटैक पीड़िताओं से बातचीत की। जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया।
दोषियों को मिले कड़ी से कड़ी सजा
शीरोज में कार्यरत खुशबू प्रसाद गोंडा जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर 2020 में एसिड अटैक हुआ। दोषियों को सजा हुई। लेकिन 2021 में ही आरोपी छूट गया। महज बीस रुपए की बोतल किसी की जिंदगी को बर्बाद कर देती है। ऐसा करने वालों ठोस कदम उठाते हुए कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जिससे उनकी दोबारा एसिड की बोतल उठाने की हिम्मत न हो। एसिड फेंकने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
खरीदने के साथ एसिड बेचने वालों को भी मिले सजा
गाजीपुर की रहने वाली रुपाली भी कैफे में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि तमाम कोशिशों के बाद भी एसिड अटैक की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। एसिड बैन होने के बावजूद काफी आसानी से मिल जा रहा है। आए दिन ऐसी घटनाएं के बारे में सुनना पड़ता है। आज के समय में एसे लोगों के लिए आसान हो गया है कि एसिड लाकर किसी के ऊपर डाल दिया। उन्होंने कहा कि एसिड खरीदने के साथ बेचने वालों पर भी कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। दोनों के उपर केस होना चाहिए। क्योंकि एसिड काफी खतरनाक हो सकता है।
एसिड डालने वालों को भी महसूस हो दर्द
रुपाली ने कहा कि एमेजन, फ्लिपकार्ट की तरह कंपनी बनाई जाएं। जिसमें एसिड खरीदने वाले की पूरी जानकारी हो। किस कार्य के लिए वह एसिड खरीद रहा है इसका भी ब्योरा हो। अपना गुस्सा निकालने के लिए किसी की जिंदगी बर्बाद करना बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि एसिड अटैक के बाद सामान्य जीवन में लैटने में बहुत परेशानी हुई। हर क्षेत्र में समस्या का सामना करना पड़ा। उस दर्दनाक मंजर को याद नहीं करना चाहती हूं। लड़की पर एसिड फेंकने वालों को सजा के तौर पर एसिड डालकर उन्हें दर्द का एहसास कराना चाहिए। निर्भया कांड के बाद रेप करने वालों पर कठोर कानून बनाए गए। जिससे आज कोई ऐसा कदम उठाने से पहले सौ बार सोचता है। इसी तरह एसिड अटैक के आरोपियों को सख्त सजा देनी चाहिए।
बेल पर बाहर घूम रहे आरोपी
शीरोज हैंगआउट कैफे में काम करने वाली आसमां मेरठ की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि हमारे केस के दोषियों को सजा हो गई। इसके बाद भी वह बेल पर बाहर घूम रहे हैं। कुछ लड़कियों को परिवार सहयोग करते हैं। लेकिन कुछ लड़कियों को परिवार से किसी तरह की मदद नहीं मिलती है। उनके लिए सरकार को कार्य करने चाहिए। ताकि उन्हें किसी का सहारा मिल सके। आसमां ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हम सबसे पहले एसिड के दर्द से गुजरते हैं। इसके बाद हमें इलाज में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार को लड़कियों की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए। एसिड एटैक से पीड़ित लड़कियों को सुविधाएं देनी चाहिए। दस साल की सजा के बाद भी कई मामलों में आरोपियों को आसानी से जमानत मिल जाती है। जिससे हमें तकलीफ होती है। सजा का प्रावधान कड़ा होना चाहिए।
खत्म होनी चाहिए ऐसी गंदी मानसिकता
पुराने लकनऊ की रेशमा ने कहा कि ऐसी घटनाएं झकझोर देती हैं। बीस साल की लड़की भविष्य में कुछ बनना चाह रही थी। लेकिन सिर्फ बात न करने की वजह से एसिड डालकर उसका जीवन बर्बाद कर दिया गया। ऐसी गंदी मानसिकता को खत्म करना चाहिए कि चेहरे पर एसिड डालकर लड़की का भविष्य तबाह किया जा सकता है। सरकार को जागरुकता फैलानी चाहिए।