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Lucknow News: आका के हटते ही मंडी परिषद के जेडीसी पर शुरू हुई कार्रवाई
Lucknow News: राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में बतौर संयुक्त निदेशक निर्माण के रूप में तैनात महेंद्र कुमार पर आखिरकार गाज गिर ही गई।
action was initiated against the JDC of Mandi Parishad (Social Media)
Lucknow News: राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में बतौर संयुक्त निदेशक निर्माण के रूप में तैनात महेंद्र कुमार पर आखिरकार गाज गिर ही गई।
प्रयागराज निर्माण खंड में क्लर्क मंजीत सिंह द्वारा बिना कार्य कराए ढाई करोड़ रुपए के फर्जी भुगतान के प्रकरण में महेंद्र कुमार की संलिप्तता पाई गई। गौरतलब हो कि इसी प्रकरण पर प्रयागराज के डिप्टी डायरेक्टर निर्माण रविंद्र सिंह डेढ़ वर्ष पहले ही बर्खाश्त हो चुके हैं, जबकि तीन अन्य आरोपियों पर गंभीर धाराओं पर एफआईआर दर्ज हो चुका हैं।
बता दें कि महेंद्र कुमार को तत्कालीन निदेशक अंजनी कुमार सिंह द्वारा बचाने का आरोप था, लेकिन नवागत निदेशक इंद्र विक्रम सिंह ने इस घोटाले का संज्ञान लेते हुए न सिर्फ जांच कराई बल्कि अग्रिम कार्रवाई होने तक महेंद्र कुमार को मुख्य अभियंता ग्रेड-टू कार्यालय से हटैच कर दिया। बताया जा रहा है कि महेंद्र कुमार को निलंबित किया जा सकता है।
क्या है घोटाला
जनवरी 2023 में प्रयागराज निर्माण खंड में कार्यरत एक क्लर्क मंजीत सिंह ने अपनी पत्नी, साले एवं अपने एक दोस्त के नाम पर फर्म बनवाकर बिना कार्य कराए 2.44 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। भुगतान की प्रक्रिया में चेकों और भुगतान रजिस्टर पर तत्कालीन लेखाकार मैकूलाल एवं संपरीक्षाधिकारी संजीव कुमार गंगवार ने भी हस्ताक्षर किया था।
मामले का खुलासा पहली अगस्त 2025 में हुआ, तो दबाव में आकर तत्कालीन मंडी निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने मामले की जांच कराई। जांच में आरोप सही पाया गया और उपनिदेशक निर्माण रविंद्र सिंह सहित उक्त तीनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया। इस दौरान पता चला कि क्लर्क मंजीत सिंह विगत छह महीने से झांसी में तैनात है, ऐसी स्थिति में वह प्रयागराज में भुगतान कैसे करा रहा है।
छानबीन के दौरान पता चला कि भुगतान का यह प्रकरण झांसी के उपनिदेशक निर्माण महेंद्र कुमार की जानकारी में है। वही इस घोटाले के सरगना है। तत्कालीन मंडी निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने इस आरोप को नजरंदाज कर महेंद्र कुमार को बचा लिया।
जब पूरे कार्यकाल की हुई जांच, तब खुली कलई
वर्तमान मंडी निदेशक इंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी एक पत्र के मुताबिक पूर्व जांच में महेंद्र कुमार को छोडक़र शेष चार कार्मिकों को दोषी पाए जाने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई संस्तुति की गई थी। जब इस प्रकरण की दोबारा जांच कराई गई तो उसी में पता चला कि महेंद्र कुमार ने 23 जनवरी 2019 से16.07.2021 तक 15 लाख रुपए के अनियमित भुगतान कराया है।
सूत्रों के मुताबिक यह प्रकरण भी सामने आया कि जब महेंद्र कुमार का स्थानांतरण झांसी हुआ तो वह तत्कालीन क्लर्क मंजीत सिंह को अपने साथ झांसी लेकर चले गए, लेकिन अपरोक्ष रूप से वह मंजीत सिंह के माध्यम से प्रयागराज निर्माण खंड में सक्रिय थे और अनियमित एवं फर्जी भुगतान कराते रहे।
ढाई लाख रुपए फर्जी भुगतान प्रकरण का खुलासा होने के बाद विधायक रविदास मेहरोत्रा, विनोद चतुर्वेदी, विधायक पलटूराम आदि ने पत्र लिखकर महेंद्र कुमार के कार्यकाल की जांच कराने की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने जांच नहीं कराई।