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Lucknow News: पुनर्वास विवि में अब सीयूईटी से होगा प्रवेश, एकेडमिक बैठक में लिया गया फैसला
प्रो. यशवंत विरोदय के मुताबिक एकेडमिक काउंसिल के सभी सदस्यों ने बैठक में नए सत्र से सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश लेने पर सहमति व्यक्त की। विश्वविद्यालय की ओर से सीयूईटी में पंजीकरण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में नए सत्र से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले लिए जाएंगे। इस संबंध में विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया को सुगम बनाने का प्रयास किया गया है।
एकेडमिक काउंसिल बैठक में लिया फैसला
पुनर्वास विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2024-25 से सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट से प्रवेश लिया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हिमांशु शेखर झा की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें नए सत्र से यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के जरिए प्रवेश लेने के विषय पर चर्चा हुई। बैठक में सीयूईटी से प्रवेश लेने पर सहमति बन गई है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यूपी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से जयनाथ यादव, विश्वविद्यालय के कुलसचिव रोहित सिंह, विभागों के अध्यक्ष और प्रोफेसर उपस्थित रहे। इसके लिए पुनर्वास विश्वविद्यालय सीयूईटी में पंजीकरण करा रहा है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट से प्रवेश लिए जाएंगे।
नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया होगी आसान
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो. यशवंत विरोदय के मुताबिक एकेडमिक काउंसिल के सभी सदस्यों ने बैठक में नए सत्र से सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश लेने पर सहमति व्यक्त की। विश्वविद्यालय की ओर से सीयूईटी में पंजीकरण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस टेस्ट के जरिए विश्वविद्यालय को अधिक पढ़ाकू छात्र और छात्राएं मिलेंगे। प्रो. यशवंत विरोदय के अनुसार विद्या परिषद की बैठक में फैसला लिया गया कि सीयूईटी में पंजीकरण के बाद उसके नोडल अधिकारी से विश्वविद्यालय आरक्षण नीति के संबंध में बात की जाएगी। विश्वविद्यालय के पहले अधिनियम 2009 के 11वें अध्याय के मद्देनजर दिव्यांगों के प्रवेश के लिए 50 फीसदी आरक्षण देने पर बात की जाएगी।