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Lucknow News: अखिलेश यादव के महाकुम्भ में फंसे लोगों के लिए सरकार को सुझाव

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करके उप्र सरकार को महाकुंभ में फँसे लोगों की राहत के लिए व्यवस्था संबंधी सुझाव दिये हैं।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 31 Jan 2025 8:08 AM IST (Updated on: 31 Jan 2025 8:25 AM IST)
Akhilesh Yadav on Mahakumbh
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Akhilesh Yadav on Mahakumbh

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करके उप्र सरकार को महाकुंभ में फँसे लोगों की राहत के लिए व्यवस्था संबंधी सुझाव दिये हैं।

सपा नेता ने कहा है कि भोजन-पानी के लिए जगह-जगह दिन-रात ढाबे खोलने और भंडारों के आयोजन की अपील की जाए। इसके अलावा प्रदेश भर से मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ़ को स्वयं सेवी लोगों के दुपहिया वाहनों के माध्यम से दूरस्थ इलाक़ों में फँसे लोगों तक पहुँचाने की व्यवस्था हो।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के आस-पास और प्रदेश भर में मीलों तक फँसे वाहनों को पेट्रोल-डीज़ल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ⁠दवाई की दुकानों को दिन-रात खोलने की अनुमति दिये जाने की भी मांग की है।

समाजवादी नेता ने कड़ाके की ठंड को देखते हुए लोगों को कपड़े और कंबल दिये जाने की मांग करते हुए सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि जहाँ हज़ारों करोड़ रूपये प्रचार पर और दुर्घटना की ख़बरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं वहाँ पीड़ितों के लिए कुछ करोड़ ख़र्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही है?

इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि महाकुंभ में जिन लोगों के अपने बिछड़ गये हैं, सूचना के अभाव में उनके अंदर ये आशंका जन्म ले रही है कि कहीं उन्होंने अपने परिवार, परिजनों को हमेशा के लिए तो नहीं खो दिया है। इस आशंका को दूर करने के लिए एक सरल उपाय ये है कि सरकार महाकुंभ हादसे में जीवन गँवानेवालों की सूची जारी कर दे। यदि मृतक चिन्हित नहीं हैं तो उनके वस्त्र-चित्रादि माध्यम से पहचान करायी जाए। इस प्रयास से आशंकाओं का उन्मूलन होगा और तीर्थयात्रियों में इस आशा का संचार होगा कि उनके अपने खोए ज़रूर हैं, पर सद्प्रयासों आज नहीं तो कल मिल ही जाएंगे।

अखिलेश यादव ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि सरकार उन लोगों की मदद के लिए आगे आए, जिन्होंने लोगों की मदद की लेकिन पैसे और सामान के बिना, भूखे-प्यासे त्रस्त लोगों ने मजबूर होकर उनकी दुकान की खाद्यसामग्री का उपभोग कर लिया। ऐसे दुकानदारों की क्षतिपूर्ति करने का दायित्व सरकार का है क्योंकि इस दुर्व्यवस्थाजन्य दुर्घटना के लिए वो ही ज़िम्मेदार है।

Ramkrishna Vajpei

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