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Lucknow News : ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 भूखण्डों का आवंटन हो सकता है रद्द, एलडीए में नहीं रिकॉर्ड

Lucknow News: ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 भूखण्डों के आवंटन पर तलवार लटक गयी है। ये वो भूखण्ड हैं, जिनका एलडीए में कोई रिकाॅर्ड नहीं है।

Santosh Tiwari
Published on: 13 Dec 2024 10:16 PM IST
Lucknow News : ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 भूखण्डों का आवंटन हो सकता है रद्द, एलडीए में नहीं रिकॉर्ड
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Lucknow News: ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 भूखण्डों के आवंटन पर तलवार लटक गयी है। ये वो भूखण्ड हैं, जिनका एलडीए में कोई रिकाॅर्ड नहीं है। अब एलडीए ने इन भूखण्डों के कब्जा धारकों से आवंटन सम्बंधी दस्तावेज मांगे हैं। लोगों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने पर उसका सत्यापन किया जाएगा। दस्तावेज सही होने पर भूखण्ड आवंटी का ही माना जाएगा। वहीं, एक महीने के अंदर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर भूखण्ड को रिक्त माना जाएगा। ऐसे भूखण्डों को ई-ऑक्शन के माध्यम से बेचा जाएगा।

1980 में हुई थी योजना की शुरुआत

लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना की शुरूआत वर्ष 1980 में की गयी थी। योजना में 50 वर्गमीटर से लेकर 1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल के लगभग 1900 भूखण्ड हैं। जिनमें अधिकांश रूप से गोदाम व एजेंसी आदि संचालित हैं। बीते दिनों योजना के 17 भूखण्डों की फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत मिली थी। इसकी जांच कराने पर 13 भूखण्डों की रजिस्ट्री फर्जी पायी गयी थी, जिसमें प्राधिकरण की तरफ से एफआईआर भी दर्ज करायी गयी थी।


हाल ही में लोगों द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर के भूखण्डों को फ्री-होल्ड किये जाने की मांग उठाने पर योजना की पत्रावलियां खंगाली गयी। इसमें 292 भूखण्डों का प्राधिकरण में किसी भी तरह का कोई रिकाॅर्ड नहीं मिला। ऐसे में यह पता लगा पाना संभव नहीं है कि उक्त भूखण्ड कब, किसे और कैसे आवंटित किये गये।

वीसी ने मांगे दस्तावेज

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए लोगों से उक्त भूखण्डों से सम्बंधित मूल दस्तावेजों के साथ दावा प्रस्तुत करने को कहा गया है। जिसके लिए ट्रांसपोर्ट नगर में जगह-जगह होर्डिंग लगाने के साथ ही प्राधिकरण की वेबसाइट पर उक्त भूखण्डों की सूची अपलोड की जा रही है। सार्वजनिक सूचना जारी होने के एक महीने के अंदर लोगों को भूखण्ड से सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

जांच में दस्तावेज सत्यापित होने पर सम्बंधित को भूखण्ड का वास्तविक स्वामी माना जाएगा। एक महीने के अंदर जिन भूखण्डों के दस्तावेज प्राप्त नहीं होंगे, प्राधिकरण उन भूखण्डों को रिक्त मानते हुए ई-नीलामी के माध्यम से बेच देगा। जिसके बाद समस्त जिम्मेदारी सम्बंधित भूखण्ड के आवंटी की होगी।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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