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Army Day: लखनऊ में मनाया गया सेना दिवस तस्वीरों में देखे सेना का शौर्य साथ ही जानिये 15 जनवरी का दिन क्यों है खास?
Army Day: भारतीय सेना आज लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 76वें सेना दिवस के अवसर पर एक शानदार परेड के साथ उत्सव मनाएगी। सेना दिवस परेड इस बार दूसरे साल भी दिल्ली से बाहर की जा रही है।
Army day : भारत आज अपना 76वां सेना दिवस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मना रहा हैं। सेना दिवस परेड इस बार दूसरे साल भी दिल्ली से बाहर की गयी। यह परेड पिछले साल बेंगलुरु के मेड एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में हुई थी। इस साल यह लखनऊ के परेड ग्राउंड पर आयोजित हुई। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शामिल हुए। इस विशेष मौके पर, जानिए आज के इतिहास को और इस दिन ही क्यों मनाया जाता है?
परेड की समीक्षा सेना प्रमुख द्वारा
इस वर्ष की सेना दिवस परेड विशेष होगी क्योंकि ‘सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल’ का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया। परेड की समीक्षा के लिए सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे, ने कार्यक्रम का आयोजन किया और उनके द्वारा वीरता पुरस्कारों का वितरण किया गया। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वरिष्ठ सैन्य कर्मी उपस्थित थे। इस दिन, जनरल करियप्पा, जिन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाई थी इसीलिए जनरल करिअप्पा और रक्षा बलों के सम्मान में हर साल सेना दिवस मनाया जाता है। सेना कर्मियों और इकाइयों की वीरता और सराहनीय सेवा की मान्यता में सेना प्रमुख द्वारा 15 वीरता पुरस्कार और 23 यूनिट प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
सेना के जवानों में 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट सेंटर में आयोजित 76वें सेना दिवस समारोह के दौरान परेड का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद, सेना दिवस समारोह के दौरान डेयर डेविल्स और भारतीय सेना जवानों ने सेवा कोर (एएससी) टॉर्नेडो द्वारा धृति भरे मोटरसाइकिल प्रदर्शन, पैराट्रूपर्स द्वारा स्काइडाइविंग प्रदर्शन, साहसी छलांग, और हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट हुआ। 35 मोटरसाइकिलों के साथ सीट सिटिंग बैलेंस, एरोहेड फॉर्मेशन, कॉर्नर क्रॉस, क्रिस क्रॉस, इनर आउटर सर्कल, सिंगल सिजर क्रॉस, टैंक बैलेंस जैसे स्टंट करके तथा थल सेना की माइक्रोलाइट उड़ान अभियान टीमों ने झंडे और बैनरों के प्रदर्शन सहित सटीक युद्धाभ्यास से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
लखनऊ का भव्य दृश्य
गौरवतलब है कि भारतीय सेना आज लखनऊ में अपना 76वां सेना दिवस मना रही है। इस बार, सेना दिवस कार्यक्रम को दिल्ली के बाहर आयोजित किया गया, और यह दूसरी बार है जब ऐसा हो रहा है। मेजर जनरल सलिल सेठ के नेतृत्व में, लखनऊ के 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड में एक भव्य प्रदर्शन हुआ। सेना की विभिन्न रेजिमेंटों से आयी छह मार्चिंग टुकड़ियां, जिसमें एक सैन्य बैंड शामिल था, जिसमें पांच रेजिमेंटल ब्रास बैंड और तीन पाइप बैंड शामिल हुए।
परेड ग्राउंड में 50वीं (स्वतंत्र) पैराशूट ब्रिगेड, सिख लाइट इन्फैंट्री, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, बंगाल इंजीनियर ग्रुप और सेना वायु रक्षा दल ने अपना मार्च किया।
पांच रेजिमेंटल ब्रास/सैन्य बैंड हैं – पंजाब रेजिमेंट सेंटर, ग्रेनेडियर रेजिमेंटल सेंटर, बिहार रेजिमेंट सेंटर, सिख लाइट रेजिमेंट सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और सिख रेजिमेंटल सेंटर।
इसके अलावा, पांच रेजिमेंटल पाइप बैंड हैं जो सिख रेजिमेंट सेंटर, सिख ली रेजिमेंट सेंटर, जाट रेजिमेंट सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और 1 सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर से संबंधित हैं।
परेड में पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट, स्कूली बच्चे, सेवारत सैनिक और उनके परिवार शामिल हुए। भारतीय सेना के करीब 500 जवान इस भव्य परेड का हिस्सा बने ।
76वां सेना दिवस
आज भारतीय सेना अपना 76वां स्थापना दिवस मना रही है। पूरा देश आज के दिन थल सेना की वीरता, साहस और कुर्बानी को याद करता है। अगर हम इतिहास पर नज़र डाले तो, 15 जनवरी 1949 के दिन ही फील्ड मार्शल जनरल एम करियप्पा ने सेना के टॉप कमांडर का पद संभाला था। फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा, जिन्हें 'किपर' के नाम से भी जाना जाता है, उन्होनें 1919 में किंग्स कमीशन प्राप्त किया और उनको ब्रिटेन के सैंडहर्स्ट में रॉयल मिलिट्री कॉलेज में भारतीय कैडेटों के पहले समूह का हिस्सा बनाया। फील्ड मार्शल करिअप्पा ने क्वेटा के स्टाफ कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले भारतीय थे। 1942 में, उन्होंने 7वीं राजपूत मशीन गन बटालियन की स्थापना की, जिसे बाद में 17वीं राजपूत के नाम से पुनर्नामित किया गया। 1986 में केएम करिअप्पा को फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया गया था। 1993 में, 94 वर्ष की आयु में, उनका निधन हो गया।
कौन थे जनरल एम करियप्पा?
1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जनरल एम करियप्पा का जन्म हुआ था। 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, करियप्पा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था। जानकारी के अनुसार, करियप्पा ने अपनी 20 साल की आयु में ही ब्रिटिश इंडियन आर्मी में शामिल हो हो गए थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर के कहा, "भारतीय थल सेना दिवस की सभी बहादुर सैनिकों एवं उनके परिवारजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। हर भारतवासी सेना के साहस, शौर्य और पराक्रम से न केवल परिचित है बल्कि उनके प्रति कृतज्ञता का भाव भी रखता है। भारतीय सेना ने सदैव देश रक्षा की है और इसके लिए अनगिनत बलिदान भी दिये हैं। सभी देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन एवं अभिनंदन।"