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Lucknow News: कला को बाजार से नहीं बल्कि कलाकार को बाजार को प्रभावित करना चाहिए
Lucknow News:कला मेले की अगली कड़ी में 8 मार्च को "कला मंथन" अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित होगी, जिसका विषय होगा – "परंपरागत विधा से भिन्न: भविष्य की नवीन कला शैली"।
Lucknow News आर्ट्स कालेज कला मेला फोटो आशुतोष त्रिपाठी
Lucknow News: कला एवं शिल्प महाविद्यालय 113वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में "कला मेला" का भव्य आयोजन किया गया। यह मेला न केवल छात्रों की रचनात्मकता का प्रदर्शन करता है, बल्कि आम जनता को कला की विविध विधाओं से भी परिचित कराता है।
5-8 मार्च तक चलने वाले कला मेला का उद्घाटन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व फेमस प्रिंट मेकर जयकृष्ण अग्रवाल द्वारा किया गया। इस मेले की प्रमुख विशेषताओं में विभिन्न विभागों के छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स आर्ट एग्जीबिशन, वीडियो इंस्टॉलेशन, तथा कला पत्रिका "कला संवाद" का विमोचन शामिल है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में कॉलेज के प्राचार्य रतन कुमार ने अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने इस अवसर कॉलेज में बिताए अपने छात्र जीवन को याद किया। उन्होंने कहा की कला को बाजार से प्रभावित नहीं होना चाहिए बल्कि कलाकार को बाजार को प्रभावित करना चाहिए।
इस प्रदर्शनी में कलाकारों, महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के आठ प्रमुख दृश्य कला संस्थानों की भागीदारी रही. जिसमे शकुंतला मिश्रा, गोयल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स,टेक्नो ग्रुप ऑफ़ हायर स्टडीज, एसकेडी, रॉयल प्रूडेंट, भीमराव आंबेडकर आदि शामिल हैं। इस आयोजन में राज्य और केंद्रीय ललित कला अकादमी भी अपने प्रकाशनों के साथ कुछ कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रही हैं। देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकार और गणमान्य अतिथि भी इसमें शामिल हो रहे हैं।
पूर्व प्राचार्य सुधीर रंजन खास्तगीर 1956 में पहली बार कला मेला शुरू किया था।1911 में स्थापित कला एवं शिल्प महाविद्यालय, देश के सबसे प्रतिष्ठित कला संस्थानों में से एक रहा है। यह प्रदेश का पहला कला महाविद्यालय है, जिसने कई दिग्गज कलाकारों को शिक्षा प्रदान की। इस महाविद्यालय से जुड़े प्रमुख नामों में असित कुमार हलदार, बिरेश्वर सेन, हिरण्यमय रॉय चौधरी, सुधीर रंजन खास्तगीर, एम.एल. नागर, आर.एस. बिष्ट, ए.एस. पंवार, मोहम्मद हनीफ जैसे कई प्रतिष्ठित कलाकार शामिल हैं।
वर्त्तमान में इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश व अन्य देशो की छात्रों की भी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. उद्घाटन समारोह में फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की डायरेक्टर नेहा सिंह, पीपी सिंह, सीताराम कश्यप सहित शहर की अन्य प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और छात्रों की उत्कृष्ट कला कृतियों की सराहना की।
कला मेले की अगली कड़ी में 8 मार्च को "कला मंथन" अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित होगी, जिसका विषय होगा – "परंपरागत विधा से भिन्न: भविष्य की नवीन कला शैली"। इस संगोष्ठी में देशभर के कलाकार, कला इतिहासकार, विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन को सफल बनाने में कला महाविद्यालय के डीन डॉ. रतन कुमार, अलोक कुमार, रविकांत पांडेय,विभावरी सिंह, अतुल हुंडू, सपना बाजपेई, गीतिका शुक्ला, सुगंधा माहेश्वरी, अजय कुमार, संजय कुमार, सहित सभी अध्यापक और छात्रों ने अथक परिश्रम किया है। कला मेला में सभी कला प्रेमी और आम नागरिक आमंत्रित हैं। यह आयोजन कला जगत की नई संभावनाओं और विचारों को समझने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।