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Ashutosh Tandon Death: आशुतोष टंडन ने कुशलता से संभाली थी पिता लालजी टंडन की विरासत,पिछले चुनाव में लगाई थी जीत की हैट्रिक
Ashutosh Tandon Death: आशुतोष टंडन के पिता लालजी टंडन भी उत्तर प्रदेश के दिग्गज राजनेता थे। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका भी निभाई थी।
Ashutosh Tandon Death: भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी का आज लखनऊ में निधन हो गया। लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट से विधायक का आशुतोष टंडन लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर पाकर पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने आशुतोष टंडन के निधन पर गहरा शोक जताया है।
आशुतोष टंडन के पिता लालजी टंडन भी उत्तर प्रदेश के दिग्गज राजनेता थे। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका भी निभाई थी। आशुतोष टंडन ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के साथ पिछले विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई थी मगर उसके बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था।
Lucknow News: लखनऊ पूर्व से भाजपा विधायक आशुतोष टंडन का निधन, कैंसर से लड़ रहे थे
लखनऊ की सेवा में समर्पित था जीवन
पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच गोपाल जी के नाम से मशहूर आशुतोष टंडन को गत जुलाई में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उन्हें आईसीयू में लाइफ सपोर्ट पर भी रखा गया था। हालांकि उसके बाद उनकी हालत में कुछ सुधार जरूर हुआ था, लेकिन फिर तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारों के मुताबिक आशुतोष टंडन कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और डॉक्टर के अथक प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
आशुतोष टंडन का पूरा राजनीतिक जीवन लखनऊ के लोगों की सेवा के लिए समर्पित था और लखनऊ में पार्टी को मजबूत बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काफी मिलनसार स्वभाव का होने के कारण उनके निधन की खबर पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं थी। इसी कारण उनके निधन की खबर के बाद आवास पर समर्थकों का जमावड़ा लग गया।
पिता की राजनीतिक विरासत संभाली
आशुतोष टंडन का जन्म 12 मई 1960 को लखनऊ में हुआ था। उन्होंने 1960 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी। पिता लालजी टंडन की राजनीतिक व्यस्तता के कारण आशुतोष टंडन राजनीतिक मैदान में शुरुआत से ही उनकी मदद किया करते थे जबकि उनके दूसरे भाई ने बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल रखी थी।
आशुतोष टंडन ने वर्ष 2012 के चुनाव में लखनऊ उत्तर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था मगर इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने टंडन सोलहवीं विधानसभा के 2013 में हुए उपचुनाव में फिर किस्मत आजमाई और इस बार वे जीत हासिल करके विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। विधानसभा का सदस्य बनने के बाद वे 2015-2016 में नियम समिति के सदस्य नामित हुए थे।
2017 में लखनऊ पूर्व सीट पर मिली जीत
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने लखनऊ पूर्व की विधानसभा सीट से आशुतोष टंडन को चुनावी अखाड़े में उतारा था। इस चुनाव में भी आशुतोष टंडन ने जीत हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखाई थी। 2017 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने आशुतोष टंडन को अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
पहले उन्होंने प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली और बाद में उन्हें नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री बनाया गया था। उल्लेखनीय बात यह है कि आशुतोष टंडन के पिता और दिग्गज नेता लालजी टंडन ने भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी।
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने उन्हें लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा था और इस चुनाव में भी टंडन जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। इस जीत के साथ ही उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीतने की हैट्रिक भी लगाई थी।
स्वभाव से मिलनसार और सबका ख्याल रखने वाले
आशुतोष टंडन के पिता लालजी टंडन को पूर्व प्रधानमंत्री और लखनऊ से कई बार सांसद का चुनाव जीतने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का काफी करीबी माना जाता था। अटल जी के लखनऊ दौरे के समय लालजी टंडन के साथ ही आशुतोष टंडन भी हमेशा सक्रिय रहा करते थे। अटल जी के लखनऊ दौरे के समय उनका पूरा ख्याल रखने की जिम्मेदारी लालजी टंडन के साथ ही आशुतोष टंडन भी निभाया करते थे।
आशुतोष टंडन की एक और बड़ी खासियत यह थी कि वे स्वभाव से बहुत ही मिलनसार, सौम्य और सबका ख्याल रखने वाले थे। ये सारे गुण भी उन्हें अपने पिता से ही विरासत में मिले थे। वे हमेशा अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों का पूरा ख्याल करते थे और यही कारण था कि उन्हें कार्यकर्ताओं का हमेशा प्रेम हासिल रहा।
खिलौने-पिलाने का शौक
विभिन्न दलों से जुड़े सियासी दिग्गजों, परिचितों, समर्थकों और मीडिया जगत से जुड़े लोगों को खिलाने-पिलाने का शौक भी आशुतोष टंडन उर्फ़ गोपाल जी को अपने पिता से ही विरासत में मिला था। लालजी टंडन विभिन्न त्योहारों और विशेष मौकों पर लखनऊ में चाट पार्टी और अन्य प्रकार की दावतों का आयोजन किया करते थे और उनके बेटे के रूप में आशुतोष टंडन ने इस परंपरा को बनाए रखा था। आशुतोष टंडन को भी खिलाने-पिलाने का काफी शौक था और वे भी विभिन्न मौकों पर अपने घर पर शानदार दावतों का आयोजन किया करते थे जिसमें काफी संख्या में लोगों की जुटान होती थी। खिलौने-पिलाने के मामले में उन्होंने कभी लखनऊ के लोगों को अपने पिता की कमी नहीं महसूस होने दी।