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Lucknow News: उप्र संस्कृत संस्थान की ओर से ज्योतिष कुंभ कार्यक्रम का हुआ आयोजन
Lucknow News: आचार्य 'संतोषी' ने बताया कि अक्षरोलॉजी में अक्षरों और मात्राओं के अंक निर्धारित किए गए हैं। जातक के नाम में आने वाले अक्षर और मात्राओं से अंक जोड़कर एक अंक निकल जाएगा। उस अंक का ग्रह से संबंध जोड़ते हुए गणितीय विश्लेषण करते हुए सटीक भविष्यवाणी की जाएगी।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से श्री खाटू श्याम मंदिर में ज्योतिष कुंभ का आयोजन हुआ। यहां गाजियाबाद के आचार्य संतोष उपाध्याय 'संतोषी मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने कहा कि एक ऐसा ज्योतिष का नया अध्याय शुरू करने वाले हैं, जिसमें जातक का जन्म व समय न पता होने पर भी सटीक भविष्यवाणी हो सकेगी। इसका नाम अक्षरोलॉजी रखा है। यह अपने देश की गणित पर आधारित होगा।
ऐसे होगी सटीक भविष्यवाणी
ज्योतिष कुंभ में आचार्य 'संतोषी' ने बताया कि अक्षरोलॉजी में अक्षरों और मात्राओं के अंक निर्धारित किए गए हैं। जातक के नाम में आने वाले अक्षर और मात्राओं से अंक जोड़कर एक अंक निकल जाएगा। उस अंक का ग्रह से संबंध जोड़ते हुए गणितीय विश्लेषण करते हुए सटीक भविष्यवाणी की जाएगी। उन्होंने अपनी इस विधा को पेटेंट के लिए भेजा है। बताया कि 1000 कुंडलियों पर शोध के बाद वह इसको बाजार में लेकर आएंगे।
पहले ज्योतिषों से लेना चाहिए परामर्श
मुख्य अतिथि विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि जिस तरह किसी गंभीर बीमारी के होने पर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है ठीक उसी तरह किसी भी नये कार्य से पहले हमें ज्योतिषियों से परामर्श लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य इंदु प्रकाश मिश्र ने की। इस दौरान शहर के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद कुमार मिश्र, एके गुप्ता, डॉ. चन्द्रश्री पांडेय, प्रशान्त तिवारी, डॉ. तेजस्कर पांडेय, आशुतोष सिन्हा, अश्विनी कुमार शुक्ला, डॉ. उमेश कुमार पांडेय, डॉ. अनिल कार पोरवाल, डॉ. विपिन कुमार पांडेय, आनंद दुबे और प्रशांत तिवारी ने दो हजार से अधिक लोगों की कुंडलियों को देखकर ग्रह और दशाओं के आधार पर भविष्य और उपाय बताए।
संस्कृत संस्थान में ज्योतिष पर शोध जल्द
विशिष्ट अतिथि भाषा विभाग के एसीएस जितेंद्र कुमार ने कहा कि ज्योतिष दुनिया की सबसे पुरानी विधा है। इस पर उठने वाले सवालों को विद्यार्थी अपने शोध के माध्यम से दूर करेंगे। ज्योतिष पर शोध के लिए जल्द ही संस्कृत संस्थान काम शुरू करने वाला है। यहां आने वाले छात्रों को ज्योतिष पर शोध की सुविधा मिल सकेगी। शोध होने से न केवल ज्योतिष का दायरा बढ़ेगा, बल्कि इस पर उठने वाले सवालों पर भी लगाम लगेगी।
एक देश एक पंचांग लाना जरूरी
गोमती नगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य उमेश कुमार पांडेय ने ज्योतिष की भ्रांतियों को दूर किया। कहा कि सबसे ज्यादा भ्रांतियां तिथियों को लेकर होती हैं। इस भ्रांति को दूर करने के लिए एक देश एक पंचांग लाना जरूरी है। इस पर केंद्र सरकार भी काम कर रही है।
रिजल्ट और बेटी की शादी का निराकरण जानने पूछा
आचार्य जी मेरी बेटी 33 साल की हो गई है, उसकी शादी कब होगी। मुझे बताइए कि मेरा दिसंबर में नेट और फरवरी में गेट का एग्जाम है। मैं पास हो पाऊंगा या नहीं। ज्योतिष कुंभ में लगे अलग-अलग स्टॉल्स में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला। एक और जहां जनता के सवाल थे, वहीं दूसरी ओर आचार्यों ने भी तत्काल उपाय बताएं। गुस्सा कम करें, नमक कम खाएं, बेटी की शादी हो जाएगी। चंद्रमा लग्न में है। मां से झगड़ा न करें। सप्ताह में एक बार मंदिर में नारियल का दान करें। कुछ इसी तरह के उपायों के साथ लोगों को अपनी समस्या का समाधान मिला।