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PhD in BBAU University: जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम शुरु करेगा बीबीएयू, शिक्षक ले सकेंगे दो विदेशी शोधार्थी

PhD in BBAU University: जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम में दो सुपरवाइजर होंगे। बीबीएयू प्रशासन ने पीएचडी को लेकर कई अन्य निर्णय भी लिए हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 24 Jan 2024 12:58 PM IST
Babasaheb Bhimrao Ambedkar University
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Babasaheb Bhimrao Ambedkar University  (photo: social media )

PhD in BBAU University: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में जल्द ही जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम शुरु होने जा रहा है। जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम केवल उन विश्वविद्यालयों के साथ होगा, जिनके साथ विश्वविद्यालय का करार या एमओयू है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि यह फैसला एकेडमिक काउंसिल में लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम नियमित पीएचडी से अलग होगा। जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम में दो सुपरवाइजर होंगे। बीबीएयू प्रशासन ने पीएचडी को लेकर कई अन्य निर्णय भी लिए हैं।

जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम में होंगे दो सुपरवाइजर

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रोग्राम में नियमित पीएचडी की तरह एक सुपरवाइजर नहीं होगा। जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम में दो सुपरवाइजरों का प्रावधान होगा। जिसमें से एक सुपरवाइजर बीबीएयू का होगा और दूसरा सुपरवाइजर उस विश्वविद्यालय का होगा जिसके साथ जॉइंट पीएचडी प्रोग्राम शुरु किया जाएगा।

दो विदेशी शोधार्थी ले सकेंगे शिक्षक

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अश्विनी कुमार सिंह के मुताबिक पीएचडी के नियमों में एक नया पॉइंट भी जोड़ा गया है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के हर शिक्षक जो भी पीएचडी कराने के योग्य है वे दो विदेशी छात्रों को एक साथ शोध करवा सकते हैं। रजिस्ट्रार ने बताया कि यह सभी शोधार्थी सुपरन्यूमेरिक कोटे में रखे जाएंगे। इन्हें शिक्षकों के मूल कोटे में नहीं रखा जाएगा।

पीएचडी डिग्री पर दोनों विश्वविद्यालयों के होंगे नाम

जॉइंट पीएचडी की उपाधि शोधार्थियों को उसी विश्वविद्यालय की मिलेगी जहां से वह छात्र रजिस्टर्ड होगा। शोधार्थियों की पीएचडी उपाधि में दोंनो विश्वविद्यालयों का जिक्र किया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत उपाधि में दोनों शामिल विश्वविद्यालयों का नाम लिखा जाएगा।

शोधार्थियों को मिला दूसरा मौका

जिन शोधार्थियों की पीएचडी समय पूरा हो जाने के बाद भी नहीं पूरी हुई है। ऐसे शोधार्थियों को एक और मौका दिया जाएगा। इस संबंध में विश्वविद्यालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। उसके बाद एकेडमिक काउंसिल में शोधार्थियों को अपनी पीएचडी थीसिस जमा करने के लिए तीन महीने का समय देने का फैसला किया गया।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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