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Mankameshwar Temple: रोजी रोटी का संकट! प्रसाद पर बैन गलत, प्रसाद विक्रेताओं ने बयां किया दर्द

Mankameshwar Temple: बालाजी मंदिर के प्रसाद में गड़बड़ी का असर अब राजधानी में भी दिखने लगा है। सोमवार से लखनऊ के सुप्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में बाहर की मिठाई और प्रसाद पर बैन लगा दिया गया है।

Santosh Tiwari
Published on: 23 Sept 2024 4:29 PM IST (Updated on: 23 Sept 2024 6:08 PM IST)
Mankameshwar Temple ( Pic- Newstrack)
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Mankameshwar Temple ( Pic- Newstrack)

Mankameshwar Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में गड़बड़ी का असर अब राजधानी में भी दिखने लगा है। सोमवार से लखनऊ के सुप्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में बाहर की मिठाई और प्रसाद पर बैन लगा दिया गया है। इसके पीछे मंदिर प्रशासन का तर्क है कि विशुद्ध और मिलावटी पदार्थों से बचाव के लिए यह फैसला लिया गया है। हालांकि, मंदिर के आसपास बीते कई वर्षों से दुकान लगाने वाले दुकानदार इस निर्णय के विरोध में खड़े हो गए हैं। उनका कहना है कि कई पीढ़ियों से वह लगातार दुकान चला रहे हैं कभी कोई शिकायत नहीं रही। अब अचानक इस फैसले से उनके लिए कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं।


परिवार के लिए रोजी रोटी का संकट

मनकामेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार के बगल में ही पिछले कई वर्षों से राजेश मिठाई आदि की दुकान चला रहे हैं। मंदिर आने वाले श्रद्धालु यहीं से मिठाइयां खरीद कर प्रसाद चढ़ाते हैं। सोमवार से लागू हुए इस फैसले का विरोध जताते हुए वह कहते हैं कि यह एकतरफा फैसला बिना दुकानदारों की सहमति के लागू कर दिया गया। किसी से बातचीत तक नहीं की गई। इसी दुकान के सहारे हमारी रोजी- रोटी चल रही है और परिवार का भरण पोषण हो रहा है। अब अगर हम दुकान नहीं चलाएंगे तो हमारे लिए रोजी रोटी तक का संकट खड़ा हो जाएगा। यह निर्णय लेने से पहले दुकानदारों से उनकी राय तो जान लेनी चाहिए थी।


सरकारी एजेंसी से करा लें जांच

मंदिर के पास ही दुकान लगाने वाले एक अन्य दुकानदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह फैसला ज्यादती है। एकाएक ऐसा निर्णय लेना कहीं से भी उचित नहीं है। वर्षों से हम लोग मिठाइयों का काम कर रहे हैं। अब इसे बंद करके कोई और काम कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर दुकान से प्रसाद ले जाना बंद कर दिया गया यह ठीक नहीं है। यदि किसी दुकान की क्वालिटी पर शक हो तो उसकी सरकारी एजेंसियों से जांच करा ली जाए। मानकों के अनुरूप न मिलने पर कार्रवाई हो लेकिन सबके लिए यह आदेश जारी कर दिया गया है ऐसे में हमारे लिए यह बड़ी समस्या साबित हो रही है।


विशुद्धियों से बचाव के लिए फैसला- महंत दिव्यागिरी

मंदिर के अंदर बाहर से खरीदा हुआ प्रसाद न ले जाने के मामले में न्यूजट्रैक से बातचीत करते हुए महंत दिव्यागिरि ने कहा कि विशुद्धियोँ से बचाव के लिए यह फैसला लिया गया है। यदि प्रसाद में मिलावट होगी और उसे लोग खाएंगे तो यह उनके लिए ही नुकसानदायक होगा और इससे उनकी आस्था को भी ठेस पहुंचेगी। जहां तक एजेंसियों से जांच की बात है तो कई बार ऐसा भी होता है कि जब जांच हो तो कोई उत्पाद दिखा दिया जाए और जांच के बाद किसी अन्य उत्पाद की बिक्री शुरू हो जाए। ऐसे में किसी भी प्रकार की विवादास्पद स्थिति से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अब श्रद्धालु सिर्फ घर से बना प्रसाद या फिर मेवे मंदिर में चढ़ा सकते हैं।



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Shalini Rai

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