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Lucknow Bulldozer Action: कुकरैल के किनारे चल रही कार्रवाई पर हाथ जोड़कर बोली अकबर नगर की महिलाएं, 'जो हमारे साथ हुआ वो अब किसी के साथ न हो'

Lucknow Bulldozer Action: जो हमारे साथ हुआ है वो किसी और के साथ न हो, हमने जो झेला है अब कोई और न झेले, हमारा हाथ जोड़ कर ये निवेदन है कि अब बस बाकी लोगों को बख्श दिया जाए।

Santosh Tiwari
Written By Santosh Tiwari
Published on: 15 July 2024 6:32 PM IST
बसंत कुँज योजना।
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बसंत कुँज योजना। Photo- Newstrack 

Lucknow Bulldozer Action: जो हमारे साथ हुआ है वो किसी और के साथ न हो, हमने जो झेला है अब कोई और न झेले, हमारा हाथ जोड़ कर ये निवेदन है कि अब बस बाकी लोगों को बख्श दिया जाए। पंतनगर समेत अन्य इलाकों में प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई पर यह कहना था अकबर नगर की रहने वाली नरगिस का जो अब अपने परिवार के साथ वसंत कुंज में रह रही हैं।

सोमवार को न्यूज़ट्रैक की टीम ने बसंत कुंज पहुंचकर उन लोगों से बात की जो कुछ दिनों पहले तक अकबर नगर में रह रहे थे लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होने के बाद अब वह बसंत कुंज में रहने आ गए हैं। पंतनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, रहीम नगर, अबरार नगर में प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई से अकबर नगर के विस्थापित भी खुश नहीं हैं। अपना आशियाना उजड़ने के बावजूद वह सरकार से इस कार्रवाई को रोकने की मांग कर रहे हैं। अकबर नगर से विस्थापित होकर बसंत कुंज आई ज़ीनत कहती हैं कि हमारे घर तो सरकार ने तोड़ दिए और हम लोग तो बेघर होकर अब यहां मज़बूरन आ ही गए हैं, लेकिन अब जो लोग वहाँ अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं उनके साथ ऐसा न हो। हमने यह दर्द झेला है और हम नहीं चाहते की कोई और अब ऐसा दर्द झेले। लोग पूरी जिंदगी की कमाई लगा देते हैं तब कहीं जाकर एक मकान बना पाते हैं लेकिन एक झटके में उनका घर तोड़ दिया जाता है, यह सही नहीं है। हमने जिंदगी भर की पूँजी अपने मकान में लगाई थी अब वो टूट गया है। दोबारा हम लोग कभी अपना घर नहीं बना पाएंगे। अपनी बूढ़ी सास और चार बच्चों के साथ बसंत कुंज के ब्लॉक 55 में रह रही अफ़रोज़ जहां कहती हैं कि जब हम लोगों के घर टूट रहे थे तो लोग हंस रहे थे लेकिन अब उन पर भी यही कार्रवाई शुरू हो गई है। अब वह लोग हमारे दर्द को महसूस कर रहे होंगे। हमारी मुसीबत में लोग खिल्ली उड़ा रहे थे अगर उस समय सबने एक दूसरे का साथ दिया होता तो शायद आज यह हाल न होता।

अपनी समस्याएं बताती महिलाएं। Photo- Newstrack

बसंत कुंज में लोगों ने गिनाई समस्याएं

अकबर नगर से बसंत कुंज में विस्थापित किए गए पप्पू, मोहम्मद जाकिर, चाँद बाबू कहते हैं कि इस कॉलोनी में अब भी तमाम खामियां हैं। अगर बिजली कट जाती है तो यहां सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जिनके पास अपने वाहन नहीं हैं उन्हें आने-जाने में भी काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। आसपास कोई इबादतगाह तक नहीं है। ऐसे में हम लोगों को नमाज पढ़ने के लिए भी काफी दूरी तय करनी पड़ती है। लोगों ने आसपास स्कूल समेत अन्य जरूरी सुविधाओं की मांग उठाई है।

इधर पंत नगर में महिलाओं ने किया प्रदर्शन

पंत नगर में प्रदर्शन करती महिलाएं। Photo- Newstrack

अपने आशियाने बचाने के लिए पंत नगर में महिलाओं ने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर शांति पूर्वक गांधीगीरी करते हुए प्रदर्शन किया। सोमवार दोपहर कॉलोनी की सैकड़ों महिलाएँ एक साथ एकत्रित हुई और उन्होंने गाँधी जी के तीन बंदरों की तरह मुँह, आँख और कान पर हाथ रख कर बुरा मत कहो, बुरा मत देखो और बुरा मत सुनो की तर्ज पर प्रदर्शन किया। बीते करीब एक सप्ताह से स्थानीय निवासी विभिन्न तरीकों से अपने घरों को ध्वस्तीकरण से बचाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

यह है सरकार की प्रस्तावित योजना

उत्तर प्रदेश सरकार कुकरैल नदी के किनारे रिवरफ्रंट विकसित करने की तैयारी में है। इसके तहत नदी के किनारे बसे अकबर नगर को पूर्व में ध्वस्त किया जा चुका है। अब यहाँ मलबा हटाकर भूमि का समतलीकरण चल रहा है। इसके अलावा पंत नगर, इंद्रप्रस्थ नगर, रहीम नगर और अबरार नगर में करीब 2000 मकान और तोड़े जाने हैं। यहां मकानों में लाल निशान भी लगाए गए हैं। दूसरी ओर स्थानीय नागरिक लगातार इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।



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Santosh Tiwari

Santosh Tiwari

Reporter

Santosh Tiwari, is a Lucknow based Journalist who works with the principle of "Creating real art through his articles". He holds a PG degree in Journalism from the prestigious MCNUJC, Bhopal followed by graduation in Journalism and Mass Communication from Lucknow Public College of Professional Studies. He keeps a keen eye on local crime and organised crime with a grasp of State and National Politics. He maintains a wide network of journalists and informers all over the city along with rural settlements of Lucknow. He started his journalistic journey with Hindustan Hindi Daily's Lucknow Edition as an intern in 2017. Later on, joined Navbharat Times as a Stringer in his final year of graduation. During his tenure in NBT, he covered Lucknow District Prison, Model Prison and Female Prison, Agriculture and Rural crime etc. In 2019, Santosh shifted to Bhopal for his Post graduation. After completing PG in 2021 he started working with Inshorts/Public App as Hindi Content Specialist in National team. In April 2024 he left Inshorts and Currently he is serving Newstrack as an Reporter.

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