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Lucknow News: BBAU ने तैयार किया AI बेस्ड सॉफ्टवेयर, बायोमेडिकल वेस्ट अलग करेगा सेंसरयुक्त सिस्टम
Lucknow News: प्रॉजेक्ट इंचार्ज डॉ. पवन कुमार चौरसिया का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट का मॉडल पूरी तरह सफल रहा है। यह सिस्टम अस्पतालों में जल्द लगा दिया जाएगा। इसके लिए पीजीआई, लोहिया जैसे संस्थानों से बात की जा रही है।
Lucknow News: अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के माध्यम से अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट (Biomedical Waste) को अलग किया जा सकेगा। इसके लिए एक सेंसरयुक्त सिस्टम बनाया गया है। जिसे अस्पतालों में जल्द स्थापित किया जाएगा। इससे अस्पतालों में अलग-अलग तरह के बायोमेडिकल वेस्ट के लिए अलग-अलग डस्टविन की जरूरत नहीं होगी।
बायोमेडिकल वेस्ट अलग करेगा सिस्टम
बाबा साहेव भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के आईटी विभाग ने इस सेंसरयुक्त सिस्टम (Sensored System) को तैयार किया है। यह सिस्टम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर की मदद से बायोमेडिकल वेस्ट को अलग कर देगा। यूपीसीएसटी (UPCST) ने बायोमेडिकल वेस्ट को मशीन लर्निंग और एआई की मदद निस्तारित करने के लिए बीबीएयू के आईटी विभाग को प्रॉजेक्ट दिया है।
सिस्टम लगाने के लिए अस्पतालों से बात जारी
प्रॉजेक्ट इंचार्ज डॉ. पवन कुमार चौरसिया का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट का मॉडल पूरी तरह सफल रहा है। यह सिस्टम अस्पतालों में जल्द लगा दिया जाएगा। इसके लिए पीजीआई, लोहिया जैसे संस्थानों से बात की जा रही है। नए सेंसरयुक्त सिस्टम की सहायता से अस्पताल का कोई कर्मचारी बायोमेडिकल वेस्ट के संपर्क में नहीं आएगा।
अलग-अलग चैंबर मे चला जाएगा कूड़ा
डॉ. पवन ने बताया कि नए सिस्टम के तहत डस्टबिन एक पाइपलाइन से जुड़ा होगा। जिससे कूड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अलग होकर अलग-अलग चैंबर में चला जाएगा। प्लास्टिक इंजेक्शन और निडल अलग हो जाएंगे। इसी तरह इंफेक्टेड रूई और अंग भी अलग-अलग चैंबर में चले जाएंगे। चैंबर में जाने के बाद कूड़ा रसायनों की मदद से संक्रमणमुक्त हो जाएगा। इसी तरह छोटे अस्पतालों के लिए एक दूसरा मॉडल बनाया गया है। जिसमें डस्टविन में ही केमिकल की मदद से कूड़ा डिसइंफेक्ट हो जाएगा।
डस्टबिन भरने पर सॉफ्टवेयर भेजेगा अलर्ट
प्रॉजेक्ट इंचार्ज ने बताया कि डस्टबिन भरने पर एक अलर्ट आएगा। अस्पतालों में कई बार डस्टविन भर जाने के कारण कूड़ा बाहर गिरने लगता है। जिससे संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ा जाता है। इससे बचने के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। यह सॉफ्टवेयर मोबाइल से कनेक्ट हो जाता है। यह डस्टविन फुल होते ही डस्टविन के सेंसर डिटेक्ट कर लेंगे और सॉफ्टवेयर मोबाइल पर अलर्ट भेज देगा।