Navratri 2023: नवरात्रि में नवमी के दिन धुनिचि नृत्य करती बंगाली महिलाएं, जानें क्या है दुर्गा पूजा में इसका महत्व

Navratri 2023: शारदीय नवरात्री के नवमी के दिन राजधानी लखनऊ में स्थित बंगाली क्लब में माता की मूर्ति के सामने बंगाली महिलाओं ने जमकर धुनिचि नृत्य किया। धुनिचि नृत्य बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा का एक अहम हिस्सा है।

Ashutosh Tripathi
Published on: 24 Oct 2023 1:42 AM GMT
Bengali women dancing Dhunichi on Navami day of Navratri
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नवरात्रि के नवमी के दिन धुनिचि नृत्य करती बंगाली महिलाएं: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

Navratri 2023: शारदीय नवरात्री के नवमी के दिन राजधानी लखनऊ में स्थित बंगाली क्लब में माता की मूर्ति के सामने बंगाली महिलाओं ने जमकर धुनिचि नृत्य किया। धुनिचि नृत्य बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा का एक अहम हिस्सा है। धुनुची नृत्य से ही मां दुर्गा की आरती उतारी जाती है।

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बता दें कि नवरात्रि के दौरान दुर्गापूजा में होने वाले 'धुनुची नृत्य' को 'शक्ति नृत्य' भी कहा जाता है। मान्यता है कि 'देवी भवानी ने महिषासुर का वध करने से पहले शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए धुनुची नृत्य किया था।


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धुनुची नृत्य सप्तमी से शुरू होकर अष्टमी और नवमी तक चलता है।


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क्या होता है धुनुची नृत्य ?


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धुनुची, म‍िट्टी से बना हुआ एक विशेष आकार का बर्तन होता है। धुनुची में सूखे नार‍ियल की जटाएं, जलता हुआ कोयला, कपूर और भी कई हवन सामग्रियों को रखकर इसे जलाया जाता है।

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इस विशेष आकार के बर्तन धुनुची को लेकर महिला व पुरुष बंगाली संगीत पर ढोल-नगाड़ों की एक खास धुन पर नृत्‍य करते हैं।


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दुर्गा माता के बंगाली भक्त धुनों पर ढाक यानि एक खास तरह के ढोल-नगाड़ों की धुन पर नृत्य करते हैं और देवी दुर्गा की उपासना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसे देवी भगवती प्रसन्न होती हैं।

Shashi kant gautam

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