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Lucknow University: BFA छात्र ने दीवार पर बनाई एशिया की सबसे बड़ी मंडाला कृति, बनाए ये रिकॉर्ड
Lucknow University: ललित कला संकाय में मूर्ति कला विभाग के बीएफए छात्र उज्जवल मिश्रा ने दीवार पर कलाकृति बनाकर कई रिकार्ड अपने नाम किए हैं।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के एक छात्र ने मंडाला शैली में एशिया की सबसे बड़ी कलाकृति बनाई है। इसके लिए उसका नाम अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज किया गया है।
बीएफए छात्र ने हासिल किए रिकॉर्ड
एलयू के ललित कला संकाय में मूर्ति कला विभाग के बीएफए छात्र उज्जवल मिश्रा ने दीवार पर कलाकृति बनाकर कई रिकार्ड अपने नाम किए हैं। आलमबाग के रहने वाले उज्जवल की मंडाला आर्ट को एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में स्थान मिला है। उज्जवल ने बताया कि उनकी इस कृति में कई रंगों का इस्तेमाल किया गया है। पारंपरिक शैली का भी इस्तेमाल है। जिसे मंडाला शैली में बनाने के लिए उसकी बारीकियां भी सीखीं। छात्र की कलाकृति 114 इंच यानी 9.5 फीट लंबी और 61.02 इंच मतलब 5.08 फीट चौड़ी है।
टाइपोग्राफिक चित्र को मिली थी ख्याति
उज्जवल ने इससे पहले 50 हजार बार सीता-राम का नाम लिखकर ‘राम दरबार’ नामक एक टाइपोग्राफिक चित्र बनाया था। जिसे भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली थी। छात्र के अनुसार राम दरबार का चित्र 23 घंटे में तैयार किया गया था।
50,000 बार सीताराम लिखकर बनाया था राम दरबार
उज्जवल मिश्रा का कहना है कि टाइपोग्राफ़िक चित्र के लिए मुझे तीन रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। एक टाइपोग्राफ़िक चित्र एक आकर्षक छवि बनाने के लिए एक शक्तिशाली चित्रण के साथ अक्षरों की सुंदरता को जोड़ता है। मैंने 'सीता राम' शब्द लिखकर राम दरबार का एक बड़े आकार का टाइपोग्राफ़िक चित्र बनाया है। उन्होंने कहा कि दरबार की तस्वीर में सफेद कागज की जुड़ी हुई शीट पर भगवान राम, हनुमान और देवी सीता का चित्र है। उज्जवल बताते हैं कि चित्र की लंबाई 69.29 इंच और चौड़ाई 264 सेमी है। सीता राम को पूरी गति से और कलात्मक तरीके से हिंदी में लिखने में मुझे लगभग 23 घंटे का लगातार काम करना पड़ा, ताकि देवी-देवताओं की तस्वीर एक चित्र के रूप में स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके।
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