TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोविशील्ड को लेकर KGMU का बड़ा दावा, वैक्सीन लगवाने वाले न्यूरो और मनोरोग के हो रहे मरीज

KGMU: प्रो. गर्ग ने बताया कि इसके गंभीर दुष्प्रभाव नोट किए गए हैं। इसमें गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) और रक्त के थक्के जैसे न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी मुद्दे शामिल हैं। समीक्षा में भारत में गंभीर न्यूरोलॉजिकल और मानसिक दुष्प्रभावों के 136 मामलों की पहचान की गई है। जो मुख्य रूप से केरल, यूपी, नई दिल्ली और पश्चिम बंगाल से हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 26 Jun 2024 6:15 PM IST
कोविशील्ड को लेकर KGMU का बड़ा दावा, वैक्सीन लगवाने वाले न्यूरो और मनोरोग के हो रहे मरीज
X

KGMU on Covishield Vaccine: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों की ओर से भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी दुष्प्रभावों की समीक्षा जारी की है। यह समीक्षा वैक्सीन से जुड़े रक्त के थक्कों के बारे में चिंताओं के बीच आई है। केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने अप्रैल 2023 में न्यूरोलॉजी इंडिया मेडिकल जर्नल में 'भारतीय कोविड-19 वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं में गंभीर न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी प्रतिकूल घटनाओं का स्पेक्ट्रम: केस रिपोर्ट्स और केस श्रृंखला की एक व्यवस्थित समीक्षा' शीर्षक के तहत प्रकाशित इस समीक्षा को साझा किया।

गंभीर मामलों का किया मुल्यांकन

प्रमुख शोधकर्ता और केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आरके गर्ग के अनुसार पबमेड, स्कोपस, गूगल स्कॉलर और प्रीप्रिंट स्रोतों जैसे डेटाबेस का उपयोग करके टीकाकरण के बाद के गंभीर मामलों के 64 पेपरों का व्यवस्थित मूल्यांकन किया गया था। इसमें 27 जून 2022 तक प्राप्त लेखों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि हमें गंभीर दुष्प्रभाव मिले लेकिन ये उन करोड़ों लोगों की तुलना में दुर्लभ हैं, जिन्होंने सुरक्षित रूप से टीका प्राप्त किया है। इनमें से कई स्थितियों का इलाज संभव था। एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीकाकरण के बाद आम दुष्प्रभावों में इंजेक्शन स्थल पर दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, बुखार, ठंड लगना, खुजली और मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द शामिल हैं।

136 गंभीर मामलों की हुई पहचान

प्रो. गर्ग ने बताया कि इसके गंभीर दुष्प्रभाव नोट किए गए हैं। इसमें गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) और रक्त के थक्के जैसे न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी मुद्दे शामिल हैं। समीक्षा में भारत में गंभीर न्यूरोलॉजिकल और मानसिक दुष्प्रभावों के 136 मामलों की पहचान की गई है। जो मुख्य रूप से केरल, यूपी, नई दिल्ली और पश्चिम बंगाल से हैं। इससे प्रभावित व्यक्तियों की औसत आयु लगभग 45 वर्ष थी। जिनमें महिलाएं पचास प्रतिशत से अधिक थीं। अधिकांश मामले (96.3%) कोविशील्ड से जुड़े थे। उन्होंने बताया कि जीबीएस एक ऐसी स्थिति जहां प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है। यह समस्या 19 मामलों में पाई गई। सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस, जिसमें मस्तिष्क की नसों में रक्त के थक्के जम जाते हैं। ऐसे दस मामले पाए गए। इसमें सिरदर्द और दौरे जैसे लक्षण थे। चेहरे और सिर की नसों को प्रभावित करने वाली कपाल न्यूरोपैथी भी 10 मामलों में पाई गई।

अमेरिका में कम लोगों को समस्या

अध्ययन में एक अन्य शोधकर्ता प्रोफेसर विमल पालीवाल ने बताया कि अमेरिका में 1 जनवरी से 14 जून 2021 तक, 306.9 मिलियन टीकाकरण वाले लोगों में से 0.1% ने दुष्प्रभाव की सूचना दी। प्रोफेसर गर्ग के अनुसार कोविशील्ड के भारतीय प्राप्तकर्ताओं में विभिन्न प्रकार की न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं की सूचना मिली है। लेकिन इसमें समग्र जोखिम बहुत कम दिखता है। उन्होंने कहा कि सबसे प्रतिकूल मामले यह थे कि शरीर की रक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा रही थी। इसके अलावा कई लोगों को दाद भी हो गई थी।



\
Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

Next Story