UP News: बायोमेट्रिक अटेंडेंस बना परेशानी का सबब, शिक्षकों के सामने कई बड़ी चुनौतियां

Lucknow: जियामऊ स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस का विरोध जताने के लिए हाथ में काली पट्टी बांध कर ड्यूटी की।

Abhishek Mishra
Written By Abhishek Mishra
Published on: 8 July 2024 11:48 AM GMT
UP News: बायोमेट्रिक अटेंडेंस बना परेशानी का सबब, शिक्षकों के सामने कई बड़ी चुनौतियां
X

Biometric Attendance in Council Schools: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से बायोमेट्रिक अटेंडेंस शुरू हो गई है। शिक्षक इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है। कई स्कूलों के शिक्षकों ने हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध किया। नई व्यवस्था से शिक्षकों में काफी नाराजगी है। जिसे लेकर न्यूज़ट्रैक ने शहर के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों से बातचीत कर उनका पक्ष जाना।

शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी की (Photo Source: Ashutosh Tripathi)

काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

जियामऊ स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस का विरोध जताने के लिए हाथ में काली पट्टी बांध कर ड्यूटी की। विद्यालय की एक शिक्षिका ने बताया कि जब तक सरकार हमारी मांग नहीं पूरी करती है तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।


एक घंटा समय बढ़ाया जाए

तोंदे खेड़ा स्थित बेसिक विद्यालय के शिक्षक ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि ऑनलाइन अटेंडेंस से समस्या नहीं है। लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने से पूर्व संघ से विचार विमर्श किया जाना चाहिए। इसके साथ ही समय को लेकर रियायत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कभी किसी कारण वश शिक्षक को विलंब होता है तो अटेंडेंस पर प्रभाव न पड़े। दूर से आने वाले शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने में दिक्कत होती है। इसके मद्देनजर कम से कम एक घंटे का समय बढ़ाया जाए।


हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा हो

उदयगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालत जर्जर है। विद्यालय की मरम्मत का कार्य जारी है। जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था को लागू करने के लिए मरम्मत कार्य पूरा होने पर फोटो भेजी जाएगी। जिसके बाद बायोमेट्रिक अटेंडेंस शुरू होगी। विद्यालय के एक शिक्षक ने बताया कि सर्वर में समस्या होने पर ऑनलाइन अटेंडेंस प्रभावित हो सकती है। इसके लिए हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। हाजिरी लगाने में अधिक समय न खर्च हो इसके लिए इंटरनेट जरूरी है। इसके साथ ही बच्चों के लिए किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म मुहैया कराया जाए।

पहले अन्य विभागों में लागू हो बायोमेट्रिक अटेंडेंस

निरालनगर स्थित कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि यह नई व्यवस्था बिलकुल गलत है। इसे अन्य विभागों में पहले लागू किया जाना चाहिए। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को कई अन्य सुविधाएं नहीं मिलती है। आधे से अधिक शिक्षकों को बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर के बार में जानकारी नहीं है।

शिक्षकों की प्रमुख मांगें -

1. ऑनलाइन अटेंडेंस का समय एक घंटा बढ़ाया जाए।

2. सर्वर की समस्या से निजात दिलाने का तरीका ढूंढे।

3. स्कूलों में हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा हो।

4. किसी कारण विलंब होने पर संशोधन का प्रावधान रखा जाए।

5. तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सृजन किया जाए।

6. एकल शिक्षक वाले स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति या समायोजन किया जाए।

7. शिक्षकों की बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर की पूरी जानकारी के लिए कार्यशाला का आयोजन हो।

8. ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय तक आने जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण जल्द किया जाए।

9. शिक्षकों की तैनाती उनके गृह जनपद में की जाए।

10. किसी भी कार्यवाइ से पूर्व शिक्षक को अपना पक्ष रखने का मौका मिले।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

Next Story