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Budget 2024: उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा बजट, ठगा महसूस कर रही जनता, चंद्रशेखर आजाद ने दी प्रतिक्रिया
Budget 2024: सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बजट को उद्योगपतियों को खुश करने वाला और समाज के हर वर्ग को निराश करने वाला बताया है।
Budget 2024: आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिजनौर जनपद के नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बजट को उद्योगपतियों को खुश करने वाला और समाज के हर वर्ग को निराश करने वाला बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक पोस्ट शेयर किया है।
जिसमें उन्होंने लिखा है कि आज का बजट उद्योगपतियों को खुश करने वाला और देश के मजदूर, किसान, युवा, बेरोजगारों, महिलाओं और बहुजनों को निराश करने वाला है। देश की जनता ने इस बजट से जो उम्मीदें लगा रखी थी, बजट उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है और देश की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है। यह बजट रोजगार, महंगाई और 140 करोड़ जनता की मूलभूत सुविधाओं के अपेक्षित बजट नहीं है।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आगे लिखा कि इस बजट में गरीब, वंचित, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज के आर्थिक विकास के लिए अलग से बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। देश के स्वास्थ्य सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए बेड और डॉक्टर्स की उपलब्धता के लिए जितने बजट की जरूरत है उससे 75 फ़ीसदी कम बजट देकर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है।
उन्होंने लिखा कि देश के अन्नदाताओं की सबसे बड़ी मांग एमएसपी के लिए बजट में कोई प्रावधान न करके किसानों को फिर से जुमलों में उलझाया गया है। सबसे बड़ी बात युवाओं को इंटर्नशिप का झुनझुना पकड़ाकर बेरोजगारी की मूल समस्या से किनारा कर लिया गया है। जैसे सरकार के पास इस बात का उत्तर नहीं की अग्निवीर बाद में क्या करेंगे? वैसे ही इंटर्नशिप करके युवा क्या करेंगे इस बात का भी उत्तर बजट में नहीं मिलता।
बजट में जनकल्याण की योजनाएं नहींः चंद्रशेखर आजाद
उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि बजट में कल्याणकारी योजनाओं, नौजवानों और किसानों पर बात की जाएगी। बेरोजगारों के रोजगार का इंतजाम किया जाएगा। महंगाई पर कोई लगाम नहीं लगाई गई। एमएसपी की गारंटी पर सरकार ने कुछ नहीं कहा। स्वास्थ्य का बजट नहीं बढ़ाया गया। एससी-एसटी और ओबीसी के लिए पूरे बजट में कोई कल्याणकारी योजना नहीं दिखाई दी। सफाई कर्मचारियों के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। ऐसा लगता है कि यह बजट खोखला है और जनता ठगी गई है।