Lucknow News: रोजगार और कौशल पर केंद्रित बजट 2024-25, BBAU में आयोजित बजट चर्चा में बोले अर्थशास्त्री

BBAU: कुलपति प्रो. एन.एम.पी वर्मा ने कहा कि विकास में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों निवेश किए जाने चाहिए। हालाँकि, सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश कम हो गया है, जो चिंता का एक बड़ा कारण है।

Abhishek Mishra
Published on: 2 Aug 2024 2:30 PM GMT (Updated on: 2 Aug 2024 2:30 PM GMT)
Lucknow News: रोजगार और कौशल पर केंद्रित बजट 2024-25, BBAU में आयोजित बजट चर्चा में बोले अर्थशास्त्री
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Lucknow News: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से शुक्रवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पर पैनल चर्चा का आयोजन हुआ। यहां जीआईडीएस लखनऊ के पूर्व निदेशक प्रो. ए.के सिंह मुख्य अतिथि रहे। आईसीसीएमआरटी के पूर्व निदेशक प्रो. अजय प्रकाश, एलयू अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. मनोज अग्रवाल, बीबीएयू अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रो. सनातन नायक, प्रो. डी.के यादव व प्रो. सुरेंद्र मेहेर भी पैनल में मौजूद रहे।

विकास में तेजी के लिए निवेष जरुरी

मुख्य अतिथि प्रो. ए.के. सिंह ने कहा कि जीडीपी में वृद्धि को गति देने के लिए निजी उपभोग मांग को बढ़ाना होगा। साथ ही अर्थव्यवस्था में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने की जरूरत है। कुलपति प्रो. एन.एम.पी वर्मा ने कहा कि विकास में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों निवेश किए जाने चाहिए। हालाँकि, सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश कम हो गया है, जो चिंता का एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च वर्तमान बजट में आवंटित राशि से अधिक होना चाहिए था।


रोजगार, कौशल और एमएसएमई पर केंद्रित बजट

प्रो. अजय प्रकाश ने कहा कि वर्तमान बजट में बुनियादी ढांचे, निवेश और कल्याण के अलावा रोजगार, कौशल और एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने मौजूदा बजट के राजस्व और व्यय के आंकड़े भी पेश किये। प्रो. मनोज अग्रवाल ने बताया कि कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिका और चीन जैसे दुनिया के विकसित हिस्सों में धूमिल वृहद आर्थिक परिदृश्यों के संदर्भ में आगे बढ़ रही है। भारत ने राज्यों की शून्य ब्याज दर ऋण और स्वच्छ भारत अभियान जैसी समावेशी और भागीदारी वाली विकास रणनीतियों को अपनाया है। प्रो. सनातन नायक ने केंद्रीय बजट की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि अर्थव्यवस्था के वर्तमान संदर्भ में व्यय आवंटन के आयाम कैसे बदल रहे हैं।‌ कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुरेन्द्र मेहर ने पैनल चर्चा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर डॉ. डी.के यादव, डॉ. प्रणब आनंद, डॉ. सुरेन्द्र सिंह जाटव, शोधार्थी, विद्यार्थी समेत अन्य मौजूद रहे।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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