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KKC में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन, वक्ता बोले- सही समय पर बीमारी की पहचान जरूरी
Lucknow News: कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. प्रसाद ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे के अनुसार आने वाले समय में विश्व में हर तीसरा व्यक्ति कैंसर की जद में आ सकता है। इसके प्रति जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा उपचार है।
Lucknow News: श्री जय नारायण मिश्र पीजी कॉलेज में स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के तहत मुंह, ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर की जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। यहां मुख्य अतिथि इंडियन कैंसर सोसायटी यूपी ब्रांच के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र प्रसाद व विशिष्ट अतिथि वक्ता प्रोफेसर डॉ. यूएस पाल रहे।
सही समय पर कैंसर की पहचान से उपचार संभव
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. प्रसाद ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे के अनुसार आने वाले समय में विश्व में हर तीसरा व्यक्ति कैंसर की जद में आ सकता है। इसके प्रति जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा उपचार है। फेफड़े का कैंसर सबसे खतरनाक कैंसर माना जाता है। धूम्रपान और अस्वच्छ पर्यावरण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसकी शुरुआती स्टेज में पहचान कर रोकथाम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, फेफड़ों के कैंसर के शिकार हुए थे। लेकिन उन्हें परीक्षण से सही समय पर उनकी इस बीमारी का पता चल गया था। फल स्वरुप उन्हें उचित स्वास्थ्य लाभ मिल सका और उन्होंने बीमारी के बाद कई वर्षों तक सरवाइव किया।
कैंसर से बचाव के लिए मुंह की सफाई जरूरी
स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के छठे दिन मुंह, ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर की जागरूकता कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वक्ता प्रोफेसर डॉ. यूएस पाल ने कहा कि मुंह का कैंसर एक खतरनाक बीमारी है। जिससे बचाव के लिए प्राथमिक तौर पर मुंह की सफाई बनाए रखना जरूरी है। हमें दिन में कम से कम दो बार सुबह शाम ब्रश करना चाहिए। और वह भी सही तरीके से। उन्होंने बताया कि मुंह में किसी भी तरह का घाव, मुंह से बदबू आना, मुंह में किसी भी तरह का सफेद दाग दिखना, ना खत्म होने वाले छाले पड़ रहे हो या मुंह नहीं खुल रहा हो, तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
महिलाओं में बढ़ रही स्तन कैंसर की बीमारी
मुख्य वक्ता इंडियन कैंसर सोसायटी यूपी ब्रांच के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र यादव ने कहा कि ‘कैंसर है तो कुछ भी नहीं’ ऐसा सोचना कतई उचित नहीं होगा। आज कैंसर रोग के प्रबंधन से इस पर पहले से ज्यादा काबू पाया जा रहा है। समय रहते कैंसर की पहचान ही इसके उपचार में सबसे सफल कदम है। महिलाओं में गर्भाशय तथा स्तन कैंसर की बीमारी अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी है। सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी का कैंसर भी कहा जाता है। इस बीमारी में रक्त निकलना, बदबूदार लिक्विड का स्राव होना और कमर दर्द होना, सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसकी जांच के लिए पैप या पैपस्मीयर टेस्ट किया जाता है।
जागरूकता सप्ताह से 1500 छात्रों को मिला फायदा
कार्यक्रम संयोजक डॉ. अंशुमाली शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह से लगभग 1500 छात्र-छात्राओं को फायदा पहुंचा। कार्यशाला में डॉ. नगमा ने छात्राओं को डेमो के जरिए आत्म स्वास्थ्य परीक्षण करने के तरीके सिखाए। डॉ. श्वेता खरे और डॉ. नगमा की टीम ने छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया। प्राचार्य प्रो. विनोद चंद, प्रो. आरके श्रीवास्तव, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विनोद मिश्रा, डॉ सुनीता राठौर, डॉ. गिरिजेश त्रिपाठी, डॉ. विजय राज श्रीवास्तव, अशोक शुक्ला समेत कई अन्य रहे।