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Electricity Privatization Oppose: बिजली के निजीकरण के विरोध का शतक, प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन
Electricity Privatization Oppose: संघर्ष समिति के केंद्रीय के पदाधिकारियों की 08 मार्च को लखनऊ में हो रही बैठक में आन्दोलन तेज करने का निर्णय
Electricity Privatization Oppose (Image From Social Media)
Electricity Privatization Oppose: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज लगातार 100वें दिन समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों की 08 मार्च को लखनऊ में हो रही बैठक में आन्दोलन तेज करने का निर्णय लिया जाएगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अत्यन्त दुर्भाग्य का विषय है कि बिजली कर्मी विगत 100 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किन्तु प्रबन्धन ने संघर्ष समिति से इस दौरान एक बार भी वार्ता नहीं की। संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार बिजली कर्मी भोजन अवकाश में या कार्यालय समय के उपरान्त विरोध सभा कर रहे हैं जिससे कार्य में कोई व्यवधान न आए किन्तु ऐसा लगता है कि प्रबन्धन ने हठवादिता का रवैया अपना रखा है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति का हमेशा ही यह मंत्र रहा है - 'सुधार और संघर्ष' । संघर्ष समिति ने इसी मंत्र का पालन करते हुए विगत दिनों विरोध प्रदर्शन के साथ साथ महाकुम्भ में श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाया और ओ टी एस अभियान की सफलता में पूरी शक्ति से काम किया। मार्च के माह में भी बिजली कर्मी सुधार के अपने अभियान को बनाए हुए अधिकतम राजस्व वसूली का कीर्तिमान बनाने हेतु प्रयत्नशील हैं। उन्होंने बताया कि 08 मार्च को लखनऊ में संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों /सेवा संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारियों ,समस्त जनपदों और परियोजनाओं के संयोजक व सहयोजक की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में विगत 100 दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी और संघर्ष के अगले कार्यक्रम तय किए जाएंगे।
आज राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।