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Lucknow University: विज्ञान दिवस पर हुआ चैतन्य व्याख्यान, वक्ता बोले- विज्ञान और अध्यात्म में गहरा संबंध

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे डॉ. शिव कुमार शर्मा ने कहा कि अध्यात्म और विज्ञान का बहुत ही गहरा संबंध है ये सिर्फ विरोधाभासी प्रतीत होते हैं। डॉ. शर्मा ने गार्गी के याज्ञवल्क से पूछे गए पांच प्रश्नों के बारे में बताया।

Abhishek Mishra
Published on: 28 Feb 2024 5:00 PM GMT
Lucknow University: विज्ञान दिवस पर हुआ चैतन्य व्याख्यान, वक्ता बोले- विज्ञान और अध्यात्म में गहरा संबंध
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग और विज्ञान भारती की ओर से चैतन्य व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिव कुमार शर्मा मुख्य अतिथि रहे। व्याख्यान के मुख्य वक्ता बीएसआईपी के निदेशक डॉ. महेश जी ठक्कर और आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शेरी रहे।

अध्यात्म और विज्ञान का गहरा संबंध

एलयू के मालवीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन प्रति कुलपति प्रो. अरविंद अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे डॉ. शिव कुमार शर्मा ने कहा कि अध्यात्म और विज्ञान का बहुत ही गहरा संबंध है ये सिर्फ विरोधाभासी प्रतीत होते हैं। डॉ. शर्मा ने गार्गी के याज्ञवल्क से पूछे गए पांच प्रश्नों के बारे में बताया। साथ ही अध्यात्म और विज्ञान के बीच संबंध को विस्तृत रूप से समझाया। यहां बीएसआईपी के निदेशक डॉ. महेश जी. ठक्कर ने कहा कि शिक्षा और संस्कृति भारत की वास्तविक विरासत है। पर्यावरण की रक्षा करना हमारा प्रमुख उद्देश्य बनना चाहिए। हमें जीवाश्म ईंधन का काम इस्तेमाल करना चाहिए। देश में 2030 तक 50 फीसदी ऊर्जा स्रोतों को नवीकरणीय स्रोतों में बदलना हमारा मकसद है। जीवाश्म ईंधन का उपयोग 2070 तक खत्म होना चाहिए।


ई-फॉर्मूले से मिलेगा अच्छा माहौल

चैतन्य व्याख्यान माला कार्यक्रम में आईआईआईटी के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शेरी ने सभी को शिक्षा के फॉर्मूले के बारे में बताया । उन्होंने शिक्षा के ई-फॉर्मूले एजुकेशन, एक्सपीरियंस, एक्सपोजर और एनवायरमेंट के बारे में विस्तृत चर्चा की। डॉ. शेरी ने कहा कि हम इन चारों का इस्तेमाल कर पढ़ाई का अच्छा माहौल विकसित कर सकते हैं। उन्होंने नवाचारों के लिए ट्रिपल के फॉर्मूला यानी ज्ञान सृजन, ज्ञान प्रसार और ज्ञान प्रमाणन के बारे में भी विचार रखे। इस दौरान रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि चैतन्य श्रृंखला की शुरूआत विज्ञान के पूरे संकाय के विकास के लिए एक नया रास्ता खोलेगी। विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. शीला मिश्रा ने कहा कि प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास ने हमारे आंतरिक आत्म का पतन किया है। मनुष्य और पर्यावरण के बीच पारस्परिक संबंधों पर जोर दिया। प्रति कुलपति प्रोफेसर अरविंद अवस्थी ने कहा कि शोधार्थियों को डिग्री के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए।

भाषण प्रतियोगिता में निधि अव्वल

कार्यक्रम के अंतर्गत कई अन्य आयोजन हुए। एलयू के इंजीनियरिंग संकाय में स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता हुई। जिसमें मुख्य अतिथि रहे संकाय अध्यक्ष प्रो. एके सिंह ने विकसित भारत की स्वदेशी तकनीकों से भविष्य का सृजन नामक स्लोगन को पहला पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं वनस्पति विज्ञान विभाग में भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर प्रस्तुति और मॉडल निर्माण समेत प्रतिस्पर्धाएं हुई। जिसमें बीएससी, एमएससी और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। भाषण प्रतियोगिता में छात्रा निधि सिंह, मॉडल मेकिंग प्रतियोगिता में आकांक्षा, विप्पन और बनिता के समूह को पहला पुरस्कार और पोस्टर मेकिंग में अंकिता कुमारी विजयी रहीं।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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