TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Lucknow News: बेसिक स्कूलों में बच्चों के पास किताबें नहीं, फिर भी चल रही कक्षाएं

Lucknow News: उदयगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चे बिना स्कूल के यूनिफॉर्म के पढ़ने आते हैं। कई बच्चों के पास जूते नहीं हैं। कुछ बच्चे नंगे पांव विद्यालय में आ रहे हैं। वहीं कुछ अपने घर की चप्पल में ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

Abhishek Mishra
Published on: 10 July 2024 7:15 PM IST (Updated on: 10 July 2024 7:14 PM IST)
Lucknow News: बेसिक स्कूलों में बच्चों के पास किताबें नहीं, फिर भी चल रही कक्षाएं
X

Lucknow News: परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। बच्चों के पास पढ़ने के लिए किताबें नहीं हैं। कई कक्षाओं के बच्चे बिना किताबों के पढ़ने के लिए मजबूर हैं। इसके साथ ही कुछ बच्चों के पास विद्यालय की यूनिफॉर्म और जूते तक नहीं हैं। इसके बावजूद बच्चों की कक्षा चल रही हैं।

बच्चों के पास यूनिफॉर्म व जूते तक नहीं

उदयगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चे बिना स्कूल के यूनिफॉर्म के पढ़ने आते हैं। कई बच्चों के पास जूते नहीं हैं। कुछ बच्चे नंगे पांव विद्यालय में आ रहे हैं। वहीं कुछ अपने घर की चप्पल में ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चों के पास गणित, विज्ञान, अंग्रेजी की किताबें नहीं हैं। सातवीं और आठवीं के बच्चे विज्ञान के बारे में जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ हैं। प्राथमिक विद्यालय पटौना माल में कक्षा छठी, सातवीं, आठवीं में बहुत से बच्चों को विज्ञान, संस्कृत, इतिहास, पर्यावरण शिक्षा और खेल जैसे विषयों की किताबें नहीं मिल पाई हैं।

पुरानी किताबों से पढ़ रहे बच्चे

काकोरी के हरदोईया स्थित बेसिक स्कूल में छठी और आठवीं के कुछ बच्चों के पास विज्ञान विषय की किताबें नहीं हैं। वहीं काकोरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा छठी और सातवीं में पढ़ने वाले बच्चे संस्कृत नहीं पढ़ पा रहे। बच्चे पुरानी किताबों से बच्चों के लिए मजबूर हैं। हाल में ही गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुले हैं। लेकिन इसके बाद भी बच्चों को मूल सुविधाएं नहीं मुहैया कराई जा रही हैं। मलिहाबाद क्षेत्र के न्याय पंचायत के प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक और दो की किताबें आई हैं, लेकिन अभी तक बच्चों को नहीं मिली। उन्हें शिक्षक मौखिक रूप से पढ़ाने को मजबूर हैं। पूरे लखनऊ जोन में कक्षा एक और दो में बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं। सत्र शुरू होने से अभी तक तीन महीने में कक्षा एक से पांचवीं तक किसी भी विषय की कार्य पुस्तिका भी नहीं मिली हैं।

विद्यालय का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा

गौरतलब है कि जब राजधानी के सरकारी स्कूलों का यह हाल हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों का क्या हाल होगा। बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। स्कूल की ओर से दिए जाने वाले यूनिफॉर्म व जूते तक उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्कूलों को ऑनलाइन अटेंडेंस से हाईटेक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य ही पूरा होता नहीं दिख रहा है। कई ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चे जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हैं।



\
Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

Next Story