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Lucknow News: आग के मुहाने पर सिविल और झलकारी बाई अस्पताल, बिना फायर NOC हो रहा संचालन

Lucknow News: इन दोनों अस्पतालों में रोजाना हजारों की संख्या में इलाज के लिए लखनऊ के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से मरीज पहुँचते हैं लेकिन यहां फायर फाइटिंग के इंतजाम नगण्य हैं।

Santosh Tiwari
Written By Santosh Tiwari
Published on: 16 Nov 2024 6:47 PM IST
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में खराब पड़ा फायर अलार्म सिस्टम: Photo- Newstrack
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वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में खराब पड़ा फायर अलार्म सिस्टम: Photo- Newstrack

Lucknow News: झाँसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के दावों की बखिया उधेड़ दी है। करीब 10 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब जिम्मेदार जाँच और कार्रवाई के आदेश जारी कर खानापूर्ति कर रहे हैं। इधर लखनऊ के ही दो बड़े सरकारी अस्पताल फायर अनुमति को दरकिनार कर संचालित हो रहे हैं। इसमें पहला नाम हज़रतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल और दूसरा नाम वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल का है। इन दोनों अस्पतालों में रोजाना हजारों की संख्या में इलाज के लिए लखनऊ के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से मरीज पहुँचते हैं लेकिन यहां फायर फाइटिंग के इंतजाम नगण्य हैं। नतीजतन दोनों अस्पतालों को फायर विभाग ने NOC नहीं दी।

सिविल में नहीं स्प्रिंकलर

सिविल अस्पताल: Photo- Social Media

न्यूज़ट्रैक की टीम ने शनिवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में फायर सुरक्षा को लेकर पड़ताल की। इसमें सामने आया कि अस्पताल में कहीं भी वाटर स्प्रिंकलर नहीं लगे हैं। नतीजतन अस्पताल को फायर NOC नहीं दी गई। अस्पताल के CMS डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि परिसर में विभिन्न जगहों पर करीब 50 से अधिक फायर एक्सटिंग्विशर लगे हुए हैं। यहां स्प्रिंकलर लगना बाकी हैं अन्य काम पूरा हो गया है। फायर एग्जिट भी बने हुए हैं। इसके अलावा हाइड्रेंट सिस्टम, अलार्म भी लगे हैं। कुछ चीजें कम हैं उस पर काम चल रहा है।

90 बेड के झलकारी बाई अस्पताल में नहीं NOC

झलकारी बाई अस्पताल का मुख्य गेट पार्किंग की वजह से घिरा। Photo- Newstrack

VVIP इलाके हज़रतगंज में विधासनभा से महज चंद कदम की दूरी पर वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय है। यहां गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता है। यदि सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो क्वीन मैरी अस्पताल के बाद झलकारी बाई में मरीजों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। शनिवार को पड़ताल में सामने आया कि यहां फायर फाइटिंग के सारे इंतज़ाम फेल हैं। पड़ताल के दौरान अस्पताल में न तो फायर अलार्म चलते मिले न ही कहीं पर वाटर हाइड्रेंट नजर आए, इसके अलावा अस्पताल में होज़ रील की व्यवस्था भी नहीं मिली। अस्पताल में सीढ़ियों के पास हॉल में मरीजों के बैठने के लिए लोहे की बेंच लगा दी गईं। ऐसे में आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को बाहर निकलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अस्पताल में फायर एक्सटिंग्विशर लगे हुए थे। CMS डॉ. निवेदिता कर ने बताया कि फायर अलार्म लगाने का काम UPCLDF देख रही थी। उन्होंने कहा कि बीच में किसी कारणवश कम्पनी ब्लैक लिस्ट हो गई और उसने काम अधूरा छोड़ दिया। कई बार उसके इंजीनियर से काम पूरा करने को कहा गया लेकिन उन्होंने काम पूरा नहीं किया है। इमरजेंसी निकास के लिए SNCU वार्ड से नीचे आंगन के लिए स्टील की सीढ़ियां बनवाई गई हैं।

बलरामपुर के इमरजेंसी वार्ड में नहीं दिखे स्प्रिंकलर, CMS बोले- NOC है

बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की छतों पर नहीं स्प्रिंकलर: Photo- Newstrack

बलरामपुर अस्पताल के CMS डॉ. संजय तेवतिया ने बताया कि अस्पताल में फायर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। अस्पताल में हर जगह फायर हाइड्रेंट लगे हुए हैं। समय-समय पर फायर ऑडिट भी होता है। साथ ही अस्पताल में फायर NOC भी है। हालाँकि, बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग की फर्स्ट फ्लोर पर स्थित वार्ड में पड़ताल के दौरान पता चला कि वहाँ पर स्प्रिंकलर नहीं लगे हैं। ऐसे में फायर NOC कैसे मिली यह बड़ा सवाल है।

CFO नहीं दे पाए जानकारी

सिविल, झलकारी बाई और बलरामपुर अस्पताल की फायर NOC पर दमकल विभाग का पक्ष जानने को लेकर न्यूज़ट्रैक की टीम ने लखनऊ के चीफ फायर ऑफ़िसर मंगेश कुमार को सीयूजी नंबर 9454418344 पर तीन बार फ़ोन किया। उन्हें पहला फोन 3:32, दूसरा फोन 5:21 और तीसरा फोन 5:25 पर किया गया। वह तीनों बार यह स्पष्ट नहीं कर सके की उक्त तीनों अस्पतालों की फायर NOC की क्या स्थिति है और इनके फ़ायर ऑडिट कब-कब हुए। हर बार वह यही बोलते रहे कि अभी पता कर के बता रहा हूँ।

अस्पतालों के सामने अतिक्रमण भी चुनौती

श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल के आसपास अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। यहां अवैध ठेले खोमचे, ऑटो, ई-रिक्शा अस्पताल के प्रवेश द्वार से लेकर आधी सड़क पर कतारबद्ध रहते हैं। नतीजतन आपातकालीन स्थितियों में वाहनों का आना जाना बाधित होता है। इसके अलावा झलकारी बाई अस्पताल के सामने पार्किंग भी बड़ी समस्या है। यहां वाहनों को सड़क पर ही पार्क किया जाता है। इसकी वजह से अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। इसमें एम्बुलेंस भी फंस जाती हैं।



Santosh Tiwari

Santosh Tiwari

Reporter

Santosh Tiwari, is a Lucknow based Journalist who works with the principle of "Creating real art through his articles". He holds a PG degree in Journalism from the prestigious MCNUJC, Bhopal followed by graduation in Journalism and Mass Communication from Lucknow Public College of Professional Studies. He keeps a keen eye on local crime and organised crime with a grasp of State and National Politics. He maintains a wide network of journalists and informers all over the city along with rural settlements of Lucknow. He started his journalistic journey with Hindustan Hindi Daily's Lucknow Edition as an intern in 2017. Later on, joined Navbharat Times as a Stringer in his final year of graduation. During his tenure in NBT, he covered Lucknow District Prison, Model Prison and Female Prison, Agriculture and Rural crime etc. In 2019, Santosh shifted to Bhopal for his Post graduation. After completing PG in 2021 he started working with Inshorts/Public App as Hindi Content Specialist in National team. In April 2024 he left Inshorts and Currently he is serving Newstrack as an Reporter.

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