Lucknow News: CJI डी वाई चंद्रचूड़ बोले - हिंदी में हो LLB की पढ़ाई और कोर्टरूम में बहस

Lucknow News: विधि विश्वविद्यालय में शनिवार को नौ वर्ष बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। 2016 से 2024 के मेधावियों को मेडल दिए गए।

Abhishek Mishra
Published on: 13 July 2024 7:45 AM GMT
Lucknow News: CJI डी वाई चंद्रचूड़ बोले - हिंदी में हो LLB की पढ़ाई और कोर्टरूम में बहस
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Lucknow News: डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय तीसरा दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। यहां देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अतिथि के रूप मौजूद रहे। मेधावियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया।

18 मेधावियों को मिले गोल्ड मेडल

विधि विश्वविद्यालय में शनिवार को नौ वर्ष बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। 2016 से 2024 के मेधावियों को मेडल दिए गए। मुख्य अतिथि ने एलएलएम व बीए एलएलबी ऑनर्स के कुल 18 छात्रों को मेडल दिए। इसमें नौ मेधावी एलएलएम और नौ बीए एलएलबी ऑनर्स के शामिल हैं। एलएलएम में वर्ष 2016 की टॉपर इंदु रानी, 2017 के अभिषेक दीक्षित, 2018 के अनुराग, 2019 की प्रियमवदा प्रियदर्शिनी, 2020 की गुलफ्शा, 2021 की सायमा सुलतान, 2022 सौरभ तिवारी, 2023 शिवेश राज जायसवाल और 2024 अक्षय अग्रवाल को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। वहीं बीए एलएलबी ऑनर्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए 2016 टॉपर दीपाली यादव, 2017 मांडवी मेहरोत्रा 2018 सुरभि करवा, 2019 सिद्धार्थ शंकर पांडेय, 2020 अदिति बांगर, 2021 दीक्षा गुप्ता, 2022 कृतिका इंद्रुख्या, 2023 वनज विद्यान, 2024 रूपल जायसवाल को भी गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया संबोधित

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा- सबसे पहले समारोह के मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का हदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। भारत मे विधि का शासन हो। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें, यह एक संयोग है कि ये तीसरा दीक्षांत समारोह हैं। इससे पहले के 2 दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि में भी वो ही यहां आते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले इलाहाबाद न्यायालय में उनका कार्यकाल स्मरण का पल है। प्रदेश का हर निवासी बड़े ही सकारात्मक भाव से उसकी सराहना करता है। इस विश्वविद्यालय का सौभाग्य है कि तीसरी बार फिर न्यायमूर्ति डॉ. चंद्रचूड़ का सानिध्य मिल रहा है।

सुशासन की पहली सीढ़ी, विधि का शासन, न्यायसंगत व्यवस्था और न्याय समय से हो इसकी भी जरूरत है। विधि के शासन के लिए ही भारत की दुनियाभर में पहचान है। आज ऐसे ही स्टूडेंट्स को डिग्री मिल रही है और विश्वविद्यालय परिवार की भी सराहना करता हूं कि देर से ही सही पर सभी को उपाधि मिल रही है।


सीएम ने कहा- बहुत सारे उपाधि धारक जो डिग्री पा रहे थे, वो अलग-अलग जगहों पर न्याय के क्षेत्र में सेवारत हैं। यानी विश्वविद्यालय सही दिशा में काम कर रहा है। छोटे-मोटे और पारिवारिक विवाद होने पर वकील जब वादी से साइन करने को कहता है तो तुरंत ही साइन कर देता है। ये विश्वास है। ये बार और बेंच पर लोगों का विश्वास ही इस क्षेत्र की पूंजी है।

पुरानी कहावत है कि परिवार के हित में व्यक्ति को छोड़ना पड़े तो हमे उससे परहेज करना पड़े तो परवाह नही करना चाहिए... ऐसी ही यदि राष्ट्र के हित मे कुछ छोड़ना चाहिए तो उसे छोड़ने में कतई परहेज नही करना चाहिए। प्राचीन गुरु परंपरा में पहले ये दीक्षांत समारोह परीक्षा के पहले होता था। पर आधुनिक दौर में ये बदलाव आया है कि डिग्री के बाद आयोजित होने लगा।


सीजेआई डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कही बड़ी बातें--

1. कानून की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी करानी चाहिए.

2. न्यायालयों में हिन्दी के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी बहस हो.

3. ⁠विधि विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई हिन्दी भाषा में कराई जाए.

4. ⁠37 हजार फैसलों का हिन्दी में अनुवाद कराया गया है.

5. ⁠एक सर्वे में यह सामने आया है कि 81 प्रतिशत भारतीयों को अंग्रेजी में बहस नहीं समझ आती.

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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