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CM योगी ने लेखपालों को सौंपा नियुक्ति पत्र, बोलेः बिना किसी भेदभाव के मिल रही नौकरी
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में 7,720 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इन लेखपालों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हुआ है।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में 7,720 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इन लेखपालों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हुआ है।
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यूपी में समय से भर्ती प्रक्रिया पूरी हो रही है। बिना किसी भेदभाव के युवाओं को सरकारी नौकरी मिल रही है। इस अवसर पर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना सहित कई मंत्री उपस्थित रहे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलेते हुए कहा कि पिछली सरकारों में कोई भी भर्ती निकलते ही एक परिवार का पूरा कुनबा वसूली के लिए निकल पड़ता था। लेकिन भाजपा सरकार में सभी भर्तियां पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 2022 की राजस्व विभाग द्वारा भर्तियों को पूरा किया है। लेकिन कुछ लोगों की फितरत होती है कि अच्छे कार्यों में रोड़े अटकाने और गुमराह करने की। उन्होंने इस कार्य में भी रोड़े अटकाए लेकिन यूपी अधीनस्थ चयन आयोग सुप्रीम कोर्ट तक गया और आज इन भर्तियों का नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही राज्य में 30,837 लेखपालों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने ही अकेले ही एक लाख 55 हजार युवाओं की भर्ती की। भाजपा सरकार में बिना किसी भेदभाव और आरक्षण नियमों का पालन करते हुए योग्यता के आधार पर पारदर्षी तरीके से भर्ती की जा रही है।
युवाओं का विश्वास हमारी ताकत
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज राज्य में सभी भर्तियों निष्पक्षता के साथ और पारदर्षी तरीके से हो रही हैं। जिससे युवाओं को नियुक्ति प्रक्रिया पर विश्वास बढ़ा है। युवाओं का विश्वास हमारी ताकत है।
उन्होंने कहा कि ये वही राज्य है। जहां पहले युवा रोजगार के लिए बाहर जाता था। लेकिन उसे वहां पहले ही छांट दिया जाता था। लेकिन आज प्रदेश में युवा का सम्मान हो रहा है। लोग अब समझ गए हैं ये नया उत्तर प्रदेश है, नए युवा हैं। पूर्ववर्ती सरकारों की नीयत साफ नहीं थी। भाई-भतीजावाद होता था, कोर्ट से स्टे होते थे। दलालों और गुर्गों के जेब में भर्ती के नाम पर पैसा जाता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गयी हैं।