TRENDING TAGS :
UP: 'जिले के टॉप 10 क्रिमिनल्स के दोष सिद्ध कराएं', CS गृह संजय प्रसाद का प्रदेश के सभी DM-SP-पुलिस कमिश्नर को निर्देश
UP News: प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के डीएम, एसपी और पुलिस कमिश्नर को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने 46 जिलों की स्थिति पर असंतोष जाहिर किया है।
Lucknow News: मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद (Sanjay Prasad) ने यूपी के सभी डीएम, एसपी और पुलिस कमिश्नर को टॉप 10 अपराधियों को दोष सिद्ध करने के निर्देश जारी किए हैं। संजय प्रसाद ने पत्र में लिखा कि, बीते दो वर्षों से टॉप 10 अपराधियों को लेकर जो समीक्षा बैठक की गई। ऐसे में अभियोजन की कार्यवाही में लापरवाही मिली है। अपर मुख्य सचिव गृह ने उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में स्थिति संतोषजनक न होने पर नाराजगी जाहिर की है। तत्काल स्थितियां सुधारे जाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि, मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद का एक बार फिर सख्त तेवर देखने को मिला है। संजय प्रसाद ने एक पत्र सभी डीएम, एसपी और पुलिस कमिश्नर को जारी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनके जिले के टॉप-10 अपराधियों के खिलाफ दोष सिद्ध कराने संबंधी हर एक कार्यवाही की जाए।
अदालतों में करें कड़ी पैरवी
संजय प्रसाद ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि सरकार के आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाये। पुलिस अपराधियों के खिलाफ अदालतों में कड़ी पैरवी करे। उन्होंने कहा, प्रदेश के 46 जिलों में स्थिति संतोषजनक नहीं है। पुलिस दोषसिद्धि अभियान में रुचि नहीं ले रही है। ऐसे जो भी जिले हैं वहां तत्काल सुधार अपेक्षित है।
महराजगंज पुलिस पूरी तरह नाकाम
पत्र में लिखा है कि, प्रदेश के हर जिले के चिन्हित टॉप-10 अपराधियों के मामलों में अपेक्षित साक्षियों की उपस्थिति तथा गवाही और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कर उन अपराधियों का दोष सिद्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस मामले में महराजगंज जिले के तमाम बड़े पुलिस और प्रशासनिक अफसर बुरी तरह फेल रहे हैं।
नामी अपराधी मामले में पुलिस कुछ नहीं कर रही !
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हद तो तब हो गयी जब इस अपराधी ने हत्या के शिकार युवक के परिजनों को लाखों रुपये में खरीदने का भी प्रयास किया। लेकिन बात बनता नहीं देख कोर्ट-कचहरी में डीलिंग की भी कोशिश हुई। जब मामला मीडिया में उछला तब तक जज को ही इस केस से हटा दिया गया। मामला जिला जज की अदालत में ट्रांसफर हो गया। यही नहीं, ये क्रिमिनल गैंगस्टर एक्ट में जमानत पर है। इसकी जमानत तक पर पुलिस पैरवी कर खारिज नहीं करा पा रही है।